15 अगस्त को ही क्यों मनाया स्वतंत्रता दिवस
15 अगस्त 2024 को हम भारत की आजादी की 78वीं वर्षगांठ मनाने जा रहे हैं। भारत लगभग 200 वर्षों तक अंग्रेजों की गुलामी की जंजीरों से बंधा रहा। भारत को स्वतंत्रता दिलाने के लिए लाखों स्वतंत्रता सेनानियों ने अपनी जान की बाजी लगाकर ब्रिटिश सरकार को घुटनों पर ला दिया और ब्रिटिश हुकूमत को भारत को आजाद करना पड़ा। भारत के 78वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ध्वजारोहण के पश्चात लाल किले के प्राचीर से देश को संबोधित करेंगे।
भारत की स्वतंत्रता के लिए 15 अगस्त का दिन क्यों चुना गया
भारत की आजादी के समय आखिरी वायसराय लार्ड माउंटबेटन थे। माउंटबेटन ही द्वितीय विश्व युद्ध में ब्रिटिश सेना की ओर से अलाइड फोर्सेज़ के कमांडर थे। वह 15 अगस्त की तिथि को खास मानते थे क्योंकि इस दिन ही जापान ने अपने घुटने टेकते हुए अलाइड फोर्सेज़ के आगे आत्म समर्पण कर दिया था। इसलिए वह इस दिन को खास मानते थे।
भारत के कुछ ज्योतिषी ग्रह नक्षत्रों के हिसाब से इस तिथि को भारत के लिए शुभ नहीं मानते थे। उन्होंने माउंट बेटन से तिथि बदलने के लिए कहा। लेकिन वह अपने फैसले पर अडिग रहे। फिर एक बीच का रास्ता निकाला गया। भारत को आज़ादी रात 12 बजे देने की बात कही गई। इसे माउंट बेटन ने स्वीकार कर लिया। क्योंकि अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार अगला दिन रात 12 बजे के पश्चात शुरू हो जाता है जबकि हिन्दू पंचांग के अनुसार सूर्य उदय के पश्चात अगला दिन शुरू होता है।
भारत के पहले प्रधानमंत्री के रूप में जवाहरलाल नेहरू ने संभाली भाग डोर
भारत के पहले प्रधानमंत्री के रूप में जवाहरलाल नेहरू ने नेतृत्व संभाला। उन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में आज़ादी मिलने वाली रात को "ट्रिस्ट विद डेस्टिनी" नाम से एक ऐतिहासिक भाषण दिया। भारत ने 15 अगस्त 1947 को आज़ादी की सांस ली। जवाहरलाल नेहरू ने प्रधानमंत्री के रूप में पहली बार ध्वजारोहण किया।
स्वतंत्रता दिवस कैसे मनाया जाता है
15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देश के प्रधानमंत्री ध्वजारोहण करते हैं, राष्ट्रीय ध्वज को 21 तोपों की सलामी दी जाती है, राष्ट्रीय गान होता है, भारत के प्रधानमंत्री लाल किले के प्राचीर से देश को संबोधित करते हैं। भारत की स्वतंत्रता के लिए योगदान देने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को याद किया जाता है। सशस्त्र सेनाएं और दिल्ली पुलिस की टुकड़ियां प्रधानमंत्री को गार्ड ऑफ ऑनर देती है।
इस दिन स्कूलों, कॉलेजों और राष्ट्रीय संस्थानों की इमारतों पर ध्वजारोहण किया जाता है। देश भक्ति से ओत-प्रोत कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देश के स्वतंत्रता सेनानियों गांधी जी, सुभाष चन्द्र बोस, भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद आदि लाखों स्वतंत्रता सेनानी जिन्होंने भारत को आज़ाद करवाने के लिए अनथक प्रयास किए, उनको याद किया जाता है। प्रतिष्ठित इमारतों को राष्ट्रीय ध्वज के रंगों से रोशन किया जाता है।
यह हर एक भारतीय का कर्तव्य है कि वह अपने देश की एकता और अखंडता का पूरा ध्यान रखें और यह आजादी हमने स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानियों के पश्चात प्राप्त की है इसलिए उनके बलिदान के लिए सदा कृतज्ञ रहे और भारत देश की प्रगति में सहायक बने।
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