MOTIVATIONAL STORY ON PATIENCE IN HINDI

MOTIVATIONAL STORY ON PATIENCE IN HINDI  धैर्य ही सफलता की कुंजी है marshmallow experiment theory

धैर्य ही सफलता की कुंजी है 

धैर्य का मनुष्य जीवन में बहुत महत्व है। धैर्यवान मनुष्य जीवन की कठिन परिस्थितियों में भी सकारात्मकता रहता है और सफलता के रास्ते तलाश लेता है। जीवन में लक्ष्य की प्राप्ति के लिए धैर्य की बहुत आवश्यकता होती है । इसलिए धैर्य को कहा जाता है कि अनंत की प्रतीक्षा की क्षमता। 

कभी कभार हमारा मन अपने लक्ष्य को पाने के लिए इतना उतावला हो जाता है कि हम प्रतीक्षा नहीं करना चाहते। लेकिन ऐसे समय में धैर्य हमें निर्देशित करता है कि हमारा मार्ग सही है, इसलिए मैं सही समय आने की प्रतीक्षा करूंगा, धैर्य रखने के पश्चात जो परिणाम आएंगे वह अप्रत्याशित होंगे। शार्टकट अपनाने से हम बड़ी उपलब्धि से दूर हो जाते हैं। इसीलिए दुनिया भर के सफलतम लोगों का एक मुख्य गुण उनका धैर्यवान होना पाया जाता है। 

धैर्य के बारे में संस्कृत श्लोक है 
त्याज्यं न धैर्यं विधुरेऽपि काले, 
धैर्यात् कदाचिद्गतिमाप्नुयात् सः।
 
संकट के समय में भी धैर्य को नहीं त्यागना चाहिए। संभव है कि धैर्य से स्थिति सुधर जाए। 

धैर्य का जीवन में महत्व को समझाने के लिए प्रोफेसर वाल्टर मशाल ने एक एक्सपेरिमेंट किया जिसे मार्श मेलो थ्योरी भी कहा जाता है।

Marshmallow Experiment 

मार्श मेलों थ्योरी 

Motivational Story On Patience In Hindi: एक शिक्षक ने कक्षा में प्रवेश करते ही अपनी कक्षा के सभी विद्यार्थियों एक एक टॉफी दी। लेकिन टॉफी देने के साथ-साथ  उन्होंने सभी विद्यार्थियों को एक निर्देश भी दिया कि आप सबको यह टॉफी दस मिनट के बाद खानी है। जो भी बच्चे निर्देशित समय तक टॉफी नहीं खाएंगे उनको रिवार्ड के तौर पर एक टॉफी और दी जाएगी इतना बोलकर शिक्षक स्वयं कक्षा से बाहर चले गए। 

शिक्षक के जाने के पश्चात कक्षा में सन्नाटा सा पसर गया। कुछ  विद्यार्थियों को सामने पड़ी टॉफी को खाने से अपने आप को रोकना एक बहुत बड़ा चैलेंज लग रहा था। 

जैसे ही दस मिनट पूरे हुए शिक्षक ने कक्षा में प्रवेश किया। उन्होंने देखा कि ज्यादातर बच्चें उस टॉफी के रंग, स्वाद और उसकी खुशबू के बारे में चर्चा कर रहे थे। केवल सात विद्यार्थी ही ऐसे थे जिन्होंने टॉफी नहीं खाई थी। 

शिक्षक ने बिना कोई टिप्पणी किए उन सातों विद्यार्थियों के नाम अपनी डायरी पर लिखकर बच्चों को पढ़ाना आरंभ कर दिया।

उन शिक्षक का नाम प्रोफेसर वाल्टर मशाल था। कुछ वर्षों के पश्चात उन्होंने अपनी डायरी निकाली और उन सातों विद्यार्थियों के बारे में जानकारी इकट्ठा करनी शुरू की। खोजबीन के पश्चात उन्हें ज्ञात हुआ कि वें सातों विद्यार्थियों अपनी- अपनी फील्ड में सबसे सफल व्यक्ति बन चुके थे। 

प्रोफेसर वाल्टर ने कक्षा के अन्य विद्यार्थियों के बारे में भी जानकारी इकट्ठी तो परिणाम चौंकाने वाले थे। उनमें से ज्यादातर लोग एक साधारण जीवन व्यतीत कर रहे थे। जहां तक कि कुछ लोग तो गंभीर आर्थिक और सामाजिक परिस्थितियों का सामना कर रहे थे। 

उन सब के जीवन पर किए गए शोध का परिणाम प्रोफेसर वाल्टर ने यह निष्कर्ष निकाला कि जो व्यक्ति दस मिनट के समय का धैर्य नहीं रख पाए, वह जीवन में आगे कैसे बढ़ पाएंगे।‌ उन्होंने जीवन में धैर्य के महत्व पर यह एक महान शोध की थी। 

विश्व भर में उनकी इस शोध को बहुत प्रसिद्धी प्राप्ति हुई और उनकी इस शोध को मार्श मेलों थ्योरी का नाम दिया गया। क्योंकि प्रोफेसर वाल्टर ने अपने सभी विद्यार्थियों को जो टॉफी बांटी थी उनका नाम मार्श मेलों था जो कि फॉर्म की तरह नरम थी। 

उनकी इस थ्योरी के अनुसार विश्व में सबसे सफल व्यक्तित्यों में पाए जाने वाले कई गुणों में से एक महत्वपूर्ण गुण धैर्य पाया जाता है। धैर्य का यह गुण किसी भी व्यक्ति की सहने की शक्ति को बढ़ाता है, जिसके परिणामस्वरूप व्यक्ति कठिन परिस्थितियों में भी सकारात्मकता रहता है जिससे उसका व्यक्तित्व निखर जाता है। धैर्य का यह गुण असाधारण है क्योंकि यह व्यक्ति को सहनशीलता बनाता है जिससे वह तनाव और दबाव को सहन कर लेते हैं। इस लिए जीवन में सफलता के लिए धैर्यवान होना बहुत आवश्यक है। 

 

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