यह वक्त भी गुजर जाएगा कहानी
YE WAQT BHI GUZAR JAYEGA QUOTE/ YEH WAQT BHI GUZAR JAYEGA STORY/यह वक्त भी गुजर जाएगा प्रेरणादायक कहानी/ विचार
जीवन में अक्सर बहुत बार ऐसा मोड़ आता है जब हमें लगता है कि सब कुछ खत्म हो गया। किसी भी परिस्थिति पर हमारा वश नहीं होता और हम हताश हो जाते हैं। ऐसे हालात में हमें समझ ही नहीं आता कि हमें क्या करना चाहिए?
यह वक्त भी गुजर जाएगा इस को अगर सुख में पढ़ें तो दुःख की अनुभूति होती है और अगर दुःख में पढ़ें तो हमें एक सुकुन का अहसास होता है।
पढ़ें एक "यह वक्त भी गुजर जाएगा" पर एक प्रेरणादायक कहानी जो कठिन परिस्थितियों में आपके सोचने का नजरिया बदल देगी।
यह वक्त भी गुजर जाएगा
एक बार एक महात्मा ने पहाड़ की चोटी पर एक व्यक्ति को रोते हुए देखा। उन्होंने पूछा कि, "आप क्यों रो रहे हो" ? उस व्यक्ति ने कहा कि मैं अपना घर-बाहर छोड़ आया हूँ। इस पहाड़ की चोटी से कूदकर आत्महत्या करने की सोच रहा हूँ।
महात्मा ने पूछा कि, "अब तुम्हारे पास क्या है ? जिसके लिए रो रहे हो ". वह व्यक्ति बोला कुछ भी नहीं है। मैं तो खाली हाथ आया हूँ।
उन्होंने पूछा कि तुम्हारी समस्या क्या है ? उस व्यक्ति कहा मैंने अपने परिवार की मदद से नया कारोबार खोला। सब कुछ अच्छे से करने के बाद भी व्यापार नहीं चला। मुझ पर बहुत सा कर्जा हो गया है। लोग अब मेरी मदद करना पसंद नहीं करते। मेरा परिवार भी मुझे ही कसूरवार मानता है।
मेरा एक मित्र है उसने भी मेरे साथ ही व्यापार शुरू किया था। उसका कारोबार सफल है। वह हर रोज मेरे पास आकर मुझे अपने व्यापार की तरक्की के बारे में कुछ ना कुछ बताता रहता है। अपनी अमीरी की बातें सुनाता रहता है।
महात्मा ने पूछा- जब तुम्हारा मित्र अपनी तरक्की के बारे में तुम्हें बताता है तुम्हें खुशी होती है या दुःख होता है। उस व्यक्ति ने झिझकते हुए कहा कि दुःख होता है। मेरा व्यापार तो चला नहीं फिर इसने इतनी तरक्की कैसे कर ली?
महात्मा ने उसे समझाया कि यही तुम्हारी गलती है कि तुम उसकी तरक्की से दुःखी होते रहे। लेकिन उसने कैसे तरक्की की उन बातों पर कभी ध्यान ही नहीं दिया। अगर तुमने जलने की बजाए उसके व्यापार के अनुभवों पर ध्यान दिया होता तो शायद आज तुम भी तरक्की कर चुके होते। उसके अनुभव से अपनी गलतियों से सबक ले चुके होते।
तुम्हारा मित्र भी इसीलिए बार-बार तुम्हारे पास आता है क्योंकि तुम उसकी खुशी से दुःखी होते हो। जिससे उसे आत्मिक शांति मिलती है। महात्मा की बातों का उस व्यक्ति पर अच्छा असर हुआ और उसने आत्महत्या करने का विचार त्याग दिया।उसने वापस जाकर फिर से व्यापार करने की सोची।
महात्मा ने उसे एक छोटी सी डिब्बी दी और उसे कहा इसे तब खोलना जब तुम्हें लगे कि सब कुछ व्यर्थ है, दुनिया व्यर्थ है, अब जीने का क्या फायदा। तब इस डिब्बी को खोलना। उसने वापस आकर पूरी लगन से और उसका मित्र जो भी अनुभव बताता था उस पर अमल करके उसने अपना व्यापार चालू किया। उसका व्यापार अच्छे से चल पड़ा उसके अच्छे दिन आ गए।उसकी शादी हो गई और दो सुंदर बच्चे हुए।
लेकिन जैसे उसके बुरा वक्त गुजर गया था और अच्छे दिन आ गए थे। वैसे अब एक बार फिर उसके अच्छे वक्त के खत्म होने का समय आ गया। उसके राज्य पर दूसरे राज्य के राजा ने चढ़ाई कर दी। उसके देश का राजा हार गया और विरोधी राजा ने उसका घर बाहर सब कुछ तहस-नहस कर दिया।
अब उसे लगने लगा था यह जीवन व्यर्थ है। इस जीवन का कोई अर्थ नहीं। तभी उसे महात्मा की बात याद आई। उसने उस डिब्बी को खोला। उसमें एक कागज था जिस पर लिखा था "यह वक्त भी गुजर जायेगा"। उसमें एक सिक्का भी था। महात्मा के इस वाक्य ने उसे एक बार फिर बहुत आत्म बल दिया। उसने उस सिक्के से फिर से अपना व्यापार पटरी पर लाने की कोशिश की। जीवन व्यर्थ है ऐसा विचार त्याग दिया और अपने और अपने परिवार के लिए सुख सुविधा की वस्तुएँ जुटाने में लगा। समय के साथ और कड़ी मेहनत से उसने अपना कारोबार फिर से स्थापित कर लिया।
Moral- इस कहानी से हमें शिक्षा मिलती है कि परिस्थितियां कैसी भी हो हमें कभी भी हार नहीं माननी चाहिए और जीवन में सुख हो या दुःख कुछ भी स्थाई नहीं है।
आशा है कि आपको यह yeh waqt bhi guzar jayega motivational story पसंद आई होगी। यह जीवन का कटु सत्य है कि वक्त कभी भी एक जैसा नहीं रहता। कई बार हम बहुत परिश्रम करते हैं लेकिन इच्छा अनुसार परिणाम नहीं मिल पाते। असफलता ही हाथ आती है ऐसे में धैर्य और ईश्वर पर विश्वास रखें कि अगर अच्छा वक्त सदा नहीं रहता तो फिर यह बुरा वक्त भी गुजर जाएगा, क्योंकि प्रकृति का नियम है हर रात के बाद सूर्य जरूर निकलता है। इसलिए अगर बुरा वक्त चल रहा है तो विश्वास रखिये कि यह वक्त भी गुजर जाएगा।
INSPIRATIONAL MORAL STORIES FOR STUDENTS IN HINDI
SHORT STORIES ON POSITIVE THINKING IN HINDI
POSITIVE THINKING STORY IN HINDI
MAHABHARATA STORIES FOR KIDS IN HINDI
Message to Author