MOTIVATIONAL STORY IN HINDI FOR SUCCESS

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जीवन में सफलता पाने के लिए प्रेरणादायक कहानियां 


जीवन में हर कोई सफल होना चाहता है। सफलता के मायने हर किसी के लिए अलग होते हैं। कुछ लोगों के लिए सफलता पढ़ाई में अच्छे अंक लाना, तो कुछ अधिक पैसा कमाना है तो कुछ के लिए पदोन्नति, कुछ अपने करियर में ग्रोथ चाहते हैं तो कुछ अपने व्यापार को व्यापक स्तर पर बढ़ाना चाहते हैं। 

आप चाहें जिस भी क्षेत्र में सफलता चाहते हैं उसके लिए दृढ़ निश्चय और मेहनती होना आवश्यक है। ‌‌सफल इंसान हमेशा अपने कम्फर्ट ज़ोन से निकल कर रिस्क लेने को तैयार रहते हैं।  सफल व्यक्ति दूसरे द्वारा की गई गलत टिप्पणियों पर भी सकारात्मक सोच रखते हैं। किसी की निंदा से विचलित नहीं होते। असफल होने का डर मन से निकाल कर सफलता के नए मुकाम को हासिल करते हैं।समय का सदुपयोग करते हैं। सफल लोग जब तक उनके सपने पूरे नहीं होते तब तक धैर्य और कड़ी मेहनत के साथ अनथक प्रयास करते रहते हैं और लगातार अभ्यास से अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेते हैं। जीवन में सफल बनने के लिए पढ़ें motivational story जो आपके जीवन को एक नई राह प्रदान करेंगी।

MOTIVATIONAL STORY FOR SUCCESS POSITIVE THINKING IN HINDI 

सकारात्मक सोच वाले लोगों को आसपास रखें 

एक बात एक राजा के गुप्तचरों ने सूचना दी कि उनका पड़ोसी राज्य जो कि उनसे कई गुना शक्तिशाली था, उन पर आक्रमण करने वाला है। खबर पक्की थी कि कुछ दिनों से आक्रमण होगा। राजा ने सेनापति से मंत्रणा की। सेनापति का मानना था कि हमें आत्मसमर्पण कर देना चाहिए, क्योंकि पड़ोसी राज्य हमसे बहुत ज्यादा ताकतवर है ? हमारे राज्य की जान माल की बहुत हानि होगी।

सेनापति के कायरता पूरक विचार सुनकर राजा स्तब्ध था। राजा विचार करने लगा कि सेनापति के विचार अगर सेना को पता चले तो उनका मनोबल टूट जाएगा। सेना पहले ही मन बना लेगी की हमारी हार निश्चित है।

राजा शीघ्रता से अपने गुरु के पास गया और उन्हें सारी बात बताई। राजा कहने लगा कि," अब आप ही मेरा मार्गदर्शन करें।" गुरु ने आदेश दिया है अपने सेनापति को तुरंत जेल में डाल दो। ऐसी नकारात्मक सोच वाला सेनापति पूरी सेना का मनोबल गिरा देगा। राजा कहने लगा कि, "गुरुदेव अगर मैं सेनापति को जेल में डाल दूंगा तो सेना का नेतृत्व कौन करेगा।"

गुरु कहने लगे कि मैं सेना का नेतृत्व करूंगा। तुम सेना एकत्रित करों और पड़ोसी राज्य के हमला करने से पहले तुम हमला कर दो। राजा सोचने लगा कि,"इस समय मेरे पास दूसरा कोई विकल्प भी नहीं है। इसलिए गुरुदेव की बात मानना ही उचित रहेगा क्योंकि सेनापति तो पहले ही मन से हार चुका है।"

 राजा ने सेनापति को कारावास में डाल दिया और सेना को युद्ध के लिए तैयार रहने की घोषणा करवा दी। सेना सहित राजा ने  पड़ोसी राज्य पर आक्रमण करने के लिए कूच कर दिया। मार्ग में जब सेना मंदिर के समीप पहुंची तो गुरुदेव कहने लगे कि, "आप लोग यहां रूको मैं भगवान से पूछकर आता हूं कि युद्ध में हमें सफलता मिलेगी या फिर असफलता मिलेगी।"

 सैनिकों ने आश्चर्य से पूछा कि," गुरुदेव क्या भगवान आप से बातें करते हैं जो आपको बताएंगे कि युद्ध में हमें विजय प्राप्त होगी या नहीं।" गुरुदेव कहने लगे कि," मैं बहुत वर्षों से ईश्वर की साधना कर रहा हूं वह मेरे प्रश्नों का उत्तर देते हैं।"

गुरुदेव अकेले मंदिर गए ईश्वर की पूजा के बाद वापस लौट आए। सैनिकों ने पूछा कि ईश्वर ने क्या बताया कि," हम सफल होंगे या असफल।"

गुरुदेव बोले कि ईश्वर के अनुसार अगर आज संध्या के समय मंदिर के चबूतरे से प्रकाश निकलता दिखाई दिया तो आप समझ लेना की आपकी सेना विजयी होगी। सारे सैनिक संध्या का बेसब्री से इंतजार करने लगे। जैसे जैसे अंधेरा होना शुरू हुआ मंदिर से रोशनी निकलती दिखाई दी तो सभी सैनिकों में खुशी की लहर दौड़ गई। सैनिक आत्मविश्वास से लबरेज हो गए कि ईश्वर ने इशारा दे दिया है इसलिए अब तो जीत निश्चित है।

अगले दिन सैनिकों ने गुरुदेव के नेतृत्व में पड़ोसी राज्य पर आक्रमण कर दिया। आत्मविश्वास से भरे सैनिकों ने शत्रु के सेना के छक्के छुड़ा दिए। सैनिकों में विश्वास था कि हमारी जीत निश्चित है । इसलिए पूरे जोश के साथ सेना लड़ी और जीत गई शत्रु राजा को अपनी हार स्वीकार करने के लिए विवश कर दिया। 

विजयी होने के पश्चात सैनिक अपने राज्य पहुंच कर उसी मंदिर के समीप रूक गए । वें कहने लगे कि,"गुरूदेव आप जाएं और ईश्वर को धन्यवाद देकर आएं। उनके आशीर्वाद से ही हम विजयी हो सकें। उन्होंने मंदिर से प्रकाश करके हमें जीतने का संकेत दे दिया था।" गुरुदेव मुस्कुराते हुए बोले कि यह बात सत्य है कि,"हम ईश्वर के आशीर्वाद से जीते हैं।"

लेकिन मैं आप लोगों को एक सत्य और बताना चाहता हूं उस दिन संध्या के समय मंदिर से जो रोशनी निकल रही थी वह मेरे जलाएं हुए बड़े से दीपक के कारण निकल रही थी।  मैंने मंदिर में पहले से एक बड़ा सा दीपक रखा हुआ था। जब मैं मंदिर में गया था तो मैंने उसे जला दिया। दोपहर में सूर्य की रोशनी में दीपक का प्रकाश दिखाई नहीं दे रहा था लेकिन जैसे ही संध्या होनी शुरू हुई प्रकाश दिखाई देना शुरू हो गया।

उस प्रकाश को देखकर पूरी सेना ने दृढ़ निश्चय कर लिया कि सफलता निश्चित रूप से हमें मिलेगी। आप लोगों के इस सकारात्मक सोच के कारण आपमें जीतने की आशा प्रबल हो गई‌ और संख्या में कम होने के बावजूद आप लोग जीत गए।

अब राजा मन ही मन ईश्वर का धन्यवाद कर रहा था कि अच्छा हुआ उसने नकारात्मक सोचने वाले सेनापति को सेना से दूर कर दिया और सकारात्मकता सोच वाले गुरुदेव के कारण उसकी सेना विजयी हो सकी।

MORAL - इस कहानी से हमें शिक्षा मिलती है कि अपने आसपास उन लोगों को रखो जिनकी सोच सकारात्मक हो और जो आपकी ग्रोथ में सहायक हो। इसलिए नकारात्मक विचारों वाले लोगों से दूरी बना कर रखें।

Motivational story for success and to leave your comfort zone 

अपने सुविधा क्षेत्र से बाहर निकले 

एक बार एक राजा को उसके मित्र ने दो बेहतरीन नस्ल के बाज बच्चे भेंट किए। बाज के बच्चे को प्रशिक्षिण देने के लिए राजा ने बेहतरीन ट्रेनर को नियुक्त किया। बाज एक बच्चा तो ऊंची उड़ान भरता लेकिन दूसरा कुछ ऊंची उड़ान भरने के बाद फिर से आकर पेड़ की डाल पर बैठ जाता।

प्रशिक्षण देने वाले ने राजा को बताया कि," राजन एक बाज़ का बच्चा तो अच्छी तरह से प्रशिक्षित हो गया है और उसने ऊंची उड़ान भरनी शुरू कर दी है। लेकिन दूसरे बाज का बच्चा लाख कोशिशों के बाद भी ऊंची उड़ान नहीं भर रहा। वह  कुछ दूरी पर उड़ने के पश्चात फिर से एक पेड़ की डाल पर आकर बैठ जाता है।"

राजा ने घोषणा करवा दी कि," जो भी इस बाज के बच्चे को उड़ना सिखाएगा उसे मुंह मांगा इनाम दिया जाएगा।" बहुत से प्रक्षिशक आएं लेकिन कोई भी उसे ऊंची उड़ान भरना नहीं सिखा पाया। फिर एक दिन राजा को सूचना मिली कि बाज के बच्चे ने ऊंची उड़ान भरना सीख लिया है।

 राजा ने उसे अपनी सभा में बुलाया जिसने बाज के बच्चे को उड़ना सिखाया था। राजा ने उसे मुंह मांगा इनाम दिया। फिर राजा ने पूछा कि," तुमने यह कमाल कैसे किया?" 

वह व्यक्ति कहने लगा कि," राजन! मैं एक मामूली किसान हूं।"  राजन! मैंने अपने अनुभव से सीखा है कि,"अगर समस्या समझ में ना आए तो जिस चीज़ के कारण समस्या हो रही है उसे ही हटा दो।" इसलिए मैंने उस पेड़ की डाल को ही काट दिया जिस पर यह बाज का बच्चा बार बार आकर बैठता था।

मैंने देखा कि यह बाज का बच्चा पेड़ की डाल पर बैठकर सुरक्षित महसूस करता है इसलिए वह ऊंची उड़ान नहीं भर रहा था । मैंने अनुभव किया कि इस डाल का मोह ही इसे ऊंची उड़ान भरने से रोक रहा है। इसलिए मैंने पेड़ की उस डाल को ही काट दिया जिस पर जाकर बैठता था। मेरा अनुमान बिल्कुल सत्य साबित हुआ जैसे ही मैंने पेड़ की डाल को काटा उस बाज ने ऊंची उड़ान भरनी शुरू कर दी।

MORAL - इस कहानी से हमें शिक्षा मिलती है किसी के लिए भी कंफर्ट जोन सबसे सुरक्षित जगह होती है लेकिन ऊंची उड़ान और सफलता के लिए कंफर्ट जोन को छोड़ना बहुत जरूरी है।

MOTIVATIONAL STORY FOR SUCCESS BELIVE IN YOUR SELF 

आप अपने आप पर विश्वास करो

 एक बार एक गांव में मोनू और कालू नाम के दो दोस्त रहते थे। एक की उम्र 7 वर्ष और दूसरे की लगभग उम्र 12 वर्ष थी। मोनू दुबला पतला था जबकि कालू शारीरिक रूप से हष्ट- पुष्ट था।

एक बार दोनों दोस्त खेलते हुए जंगल चले गए। खेलते-खेलते कालू को प्यास लगी और वह पानी पीने के लिए कुएं पर गया।कुएं से पानी निकालते समय उसका पैर फिसलने के कारण वह कुएं में गिर गया। 

उस का दोस्त मोनू अब कालू की मदद करने के लिए जोर जोर से किसी को मदद के लिए पुकारने लगा। लेकिन बार बार आवाज़ लगाने पर भी जंगल में कोई भी उसकी मदद के लिए नहीं आया।

अब उसने विवेक से काम लिया कि जो भी करना है उसे ही करना होगा। ऐसा दृढ़ निश्चय कर उसने कुएं में बाल्टी फैंकी और अपने दोस्त से बोला कि इसे पकड़ कर ऊपर आ जाओ। कालू ने बाल्टी पकड़ी और मोनू ने पूरी ताकत लगा कर उसे कुएं से बाहर खिंच लिया। दोनों दोस्त गले लगकर खुब रोये।

दोनों दोस्त गांव वापस लौट गए। दोनों ने अपने परिवार वालों को कालू के कुएं में गिरने और मोनू द्वारा उसे बाहर निकाले जाने की घटना सुनाई। दोनों के ही परिवार के सदस्य इस बात को मानने के लिए तैयार ही नहीं थे कि दुबला पतला मोनू कैसे हृष्ट पुष्ट कालू को कुएं से बाहर निकल सकता है। यह बात धीरे धीरे पूरे गांव में फ़ैल गई। सभी को लग रहा था कि बच्चे मनगढ़ंत कहानी सुना रहे हैं।

उसी गांव के स्कूल के एक वृद्ध अध्यापक थे। उनका सारा गांव बहुत सम्मान करता था। सभी गांव वाले उससे पूछने पहुंचे कि आपकी इस विषय में क्या राय है ? क्या बच्चे सच बोल रहे हैं ? या फिर उन्होंने मनगढ़ंत कहानी बनाई है।

अध्यापक के विचार जानकर सभी गांव वाले निशब्द से हो गए। वह कहने लगे कि, मुझे विश्वास है कि दोनों बच्चे सच बोल रहे हैं।

 यह बात भी सत्य है कि दुबले पतले मोनू के लिए वजन में अपने से दुगने कालू को उठाना मुश्किल है लेकिन असंभव नहीं है। उस परिस्थिति में मोनू जानता था कि जो भी करना है केवल उसे ही करना है। उस समय उसके पास कोई भी ओर मदद करने वाला नहीं था। उसने अपने विवेक से काम लिया। दूसरी बात उस समय मोनू के आसपास यह कहने वाला कोई नहीं था कि," तुम अभी छोटे और दुर्बल हो इसलिए तुम यह नहीं कर सकते या फिर यह तुम से नहीं होगा।"

उसने सम्पूर्ण ताकत लगा कर कालू को बचा लिया। अब दोनों बच्चों के चेहरे पर एक सुकून भरी मुस्कान थी कि किसी ने तो हमारी बात को सत्य माना।

हमारे साथ भी जीवन में बहुत बार ऐसा होता है कि हम पुरानी मान्यताओं के आधार पर स्वयं को सीमित कर लेते हैं और अपनी क्षमता को पहचान नहीं पाते। 

MORAL - इस कहानी से हमें शिक्षा मिलती है कि हमें अपने आपको पुरानी मान्यताओं के आधार पर किसी दायरे तक सीमित नहीं करना चाहिए। क्योंकि बहुत बार हम अपने आसपास वालों की बातों को सत्य मानकर अपनी क्षमता को नहीं पहचान पाते।

आशा है कि जीवन में सफल होने के लिए यह motivational success stories आप लिए अच्छी प्रेरणा स्रोत सिद्ध होगी। इसलिए जीवन में सफल होने के लिए निरंतर प्रयास करते रहे, कभी भी हार ना माने और सकारात्मकता दृष्टिकोण अपना कर कठिनाइयों में भी आप बेहतरीन हल ढूंढे।

 

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