छोटी बच्ची की कहानी जो दिल को छू जाएंगी
कहानियां हमारी जीवन पर गहरा प्रभाव डालती है। लेकिन कुछ कहानियां पढ़कर हम इतने भावुक हो जाते हैं कि अनायास आंखू हमारी आंखों से बहने लगते हैं। वह कहानियां हमारे मन को छू जाती है। मानो हमारी संवेदनाएं जागृत हो जाती है। Emotional short story in hindi में ऐसी ही कहानियां हैं जो आपके दिल को छू जाएंगी।
बच्चों के दिल में भगवान रहते हैं
Emotional short story in hindi: एक हार्ट सर्जन थे। उनके अस्पताल में एक छोटी सी बच्ची का आप्रेशन होना था क्योंकि उसके हार्ट में खून की सप्लाई सुचारू रूप से नहीं हो रही थी। उस प्यारी सी बच्ची को आप्रेशन से कुछ दिन पूर्व ही अस्पताल में एडमिट करवाया गया क्योंकि आप्रेशन से पहले बच्ची के कुछ जरूरी टेस्ट होने थे। बच्ची बहुत ही खुशमिजाज स्वभाव की थी। इसलिए बहुत जल्दी वहां की नर्सों और डाक्टरों के साथ घुल-मिल गई थी।
आप्रेशन से पहले जिन डाक्टर साहब ने उसका आप्रेशन करना था वह उससे मिले और उसे समझाने लगे कि तुम को बिल्कुल भी डरना नहीं है। सब कुछ ठीक होगा।
बच्ची ने उत्तर दिया कि डाक्टर अंकल मुझे बिल्कुल डर नहीं लग रहा क्योंकि मेरी मां कहती हैं कि,"बच्चों के दिल में भगवान रहते हैं। मेरी मां प्रतिदिन मेरे लिए प्रार्थना करती है और मुझ से भी करवाती है। मुझे ईश्वर पर विश्वास है लेकिन जब आप मेरा आप्रेशन करें तो देखना कि ईश्वर कैसे दिखते हैं ? फिर आप मुझे बताना।"
बच्ची की प्यारी-प्यारी बातें सुनकर डाक्टर साहब मुस्कुरा कर चले गए। आप्रेशन करते समय हार्ट सर्जन ने देखा कि बच्ची के दिल में तो खून बिल्कुल नहीं है। उन्हें बचा पाना मुश्किल है। डाक्टर साहब को तभी बच्ची की कही हुई बात याद आ गई कि आप मेरे दिल में देखना कि ईश्वर कैसे दिखते हैं?
उस दिन डाक्टर ने अपनी अश्रुपूर्ण आंखों से बच्ची के लिए प्रार्थना की कि प्रभु अब आप ही कुछ कर सकते हैं। उस बच्ची का आप पर अटूट विश्वास है। तभी उनके साथी डाक्टर ने उन्हें कोहनी मारी कर इशारा किया। अचानक से बच्ची के दिल में खून का प्रवाह शुरू हो गया था और बच्ची का आप्रेशन कामयाब हो गया।
बच्ची के ठीक होने पर डॉक्टर ने बच्ची से कहा कि,"मैं तुम्हारे दिल में ईश्वर कैसे दिखते हैं यह तो नहीं देख पाया लेकिन ईश्वर को की गई प्रार्थना की शक्ति का जो अनुभव मैंने देखा है वो इससे पहले मैंने कभी नहीं देखा था। ईश्वर ने तुम्हारे उस पर किए गए विश्वास को टूटने नहीं दिया।"
Thomas Elva Edison की कहानी
Emotional short story in hindi: Thomas Elva Edison जब स्कूल में पढ़ते थे तब उनकी टीचर ने उनको एक कागज देकर कहा कि इसे अपनी मां को दे देना। उन्होंने घर आकर मां से कहा - टीचर्स ने आपके लिए एक note भेजा है। उसको पढ़कर उनकी मां की आंखों से आंखू बहने लगे।
उन्होंने मां से पूछा कि," इसमें ऐसा क्या लिखा है जो आप इतना भावुक हो गए।" उनकी मां ने खुद को संभालते हुए कहा कि तुम्हारी टीचर्स ने लिखा है कि आपका पुत्र बहुत ही बुद्धिमान और प्रतिभाशाली हैं। इसे पढ़ाने के लिए हमारे पास काबिल शिक्षक नहीं है। इसलिए कृपया कल से इसे स्कूल मत भेजे, घर पर ही पढ़ाएं। मां ने उन्हें तब घर पर ही पढ़ाना शुरू किया।
कालांतर में वह एक महान वैज्ञानिक बन गए। उन्होंने इलेक्ट्रिक बल्ब और फोनोग्राफ का आविष्कार कर लिया था। उनकी मां इस दुनिया से विदा ले चुकी थी। एक दिन उनको अपने घर की एक अलमारी में वही कागज़ मिला जो उनकी टीचर ने बहुत साल पहले उनको दिया था।
आज वह कागज़ पढ़कर उनको आंखों से अविरल अश्रुओं की धारा बह रही थी और वह कागज़ हाथ में लिए घंटों रोते रहे। उस कागज़ पर उनकी टीचर ने लिखा था कि,"आपका पुत्र बौद्धिक रूप से कमजोर है। इसलिए इसे कल से स्कूल मत भेजे।"
Thomas Elva Edison ने अपनी जीवनी में लिखा कि," एक महान मां ने बौद्धिक रूप से कमज़ोर बच्चे को सदी का वैज्ञानिक बना दिया।"
मैं ईश्वर का पता जानता हूं
Emotional short story in hindi :एक बार एक साहूकार को बहुत दिनों से एक अजीब सी बेचैनी हो रही थी। एक रात को उन्हें नींद नहीं आ रही थी तो वह टहलने निकल गए। वह एक पार्क में पहुंच कर एक बेंच पर बैठ गए तभी एक कुत्ता उनकी चप्पल उठा कर ले गया और वह उसके पीछे-पीछे भागे।
वह कुत्ता उनकी चप्पल मंदिर की सीढ़ियों पर छोड़ कर वहां से भाग गया। सेठजी जैसे ही चप्पल पहनने लगे उनके कानों में किसी के रोने की आवाज़ आई। मंदिर के कपाट बंद थे और एक व्यक्ति मंदिर की सीढ़ियों पर बैठ कर ईश्वर से प्रार्थना कर रहा था कि प्रभु इस अजनबी शहर में मेरा आपके सिवाय कोई आसरा नहीं हैं।
मेरी पत्नी अस्पताल में दाखिल हैं और मुझे उसके इलाज के लिए पैसों की जरूरत है। इसलिए प्रभु कुछ ऐसा करें कि मेरी पत्नी के इलाज के लिए पैसों का प्रबंध हो जाएं।
सेठ जी समझ गए कि ईश्वर ने मुझे यहां इस व्यक्ति की मदद के लिए भेजा है। सेठ जी उसके पास जाकर बोले- जब तुम ईश्वर से प्रार्थना कर रहे थे तब मैंने तुम्हारी बात सुनकर ली थी। सेठ जी ने अपनी जेब से पैसे निकाल कर उस व्यक्ति को दिए। उसने अपना कार्ड निकाल कर देते हुए कहा कि तुम को किसी भी चीज़ की जरूरत हो तो मेरे पास आ जाना।
वह व्यक्ति कहने लगी कि मुझे आपके कार्ड की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि मैं पता जानता हूं। सेठ जी विस्मित होकर बोले- क्या हम पहले मिल चुके हैं? वह व्यक्ति बोला कि," मैं आपकी बात नहीं कर रहा मैं कर रहा।" सेठ ने पूछा फिर तुम किसके पते की बात कर रहे हो?
वह व्यक्ति बोला कि मैं उसका पता जानता हूं जिसने इस अजनबी शहर में मेरी मदद के लिए आपको भेजा। मुझे अपने ईश्वर पर अटूट विश्वास है। यह पहला मौका नहीं है ऐसा बहुत बार होता है जब भी मुझे कुछ चाहिए होता है मैं उसकी शरण में चला जाता हूं। वह अविश्वसनीय रूप से हर बार किसी ना किसी तरह मेरे कार्य सम्पूर्ण कर देता है। उसका ईश्वर के प्रति अटूट विश्वास देखकर सेठ जी की आंखों में आंसू आ गए।
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