धनतेरस पर कुबेर और धन्वंतरि पूजा का महत्व
DHANTERAS 2023
FRIDAY, 10 NOVEMBER
दिवाली के पांच दिवसीय पर्व में सबसे पहले धनतेरस का पर्व आता है। धनतेरस से दूसरे दिन नरक चौदस और तीसरे दिन दिवाली का पर्व, चौथे दिन विश्वकर्मा दिवस और गोवर्धन पूजा और पांचवे दिन भाई दूज मनाई जाती है।
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस का पर्व मनाया जाता है। 2023 में धनतेरस 10 november को मनाई जाएगी। धनतेरस पर मां लक्ष्मी जी के साथ आरोग्य के देवता धन्वंतरि और धन के देवता कुबेर जी की पूजा की जाती है ताकि पूरा वर्ष मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहे, कुबेर जी की कृपा से खजाने भरे रहे और धन्वंतरि भगवान की कृपा से पूरा वर्ष आरोग्य रहे।
धनतेरस पर कुबेर पूजा का महत्व
मां लक्ष्मी धन की देवी है उन्हें चंचला माना जाता है,जो किसी एक स्थान पर नहीं टिकती। धनतेरस के दिन लोग धन के राजा कुबेर की पूजा करते हैं ताकि उनके धन के भंडार सदैव बनी रहे ।
कुबेर महाऋषि विश्रवा और माता इलविला के पुत्र हैं। कुबेर को देवताओं का खजांची की उपाधि प्राप्त है और कुबेर उत्तर दिशा के लोकपाल भी है। धनतेरस के दिन कुबेर की पूजा करने से धन ऐश्वर्य और सुख -समृद्धि में वृद्धि होती है।
धनतेरस पर धन्वंतरि भगवान की पूजा का महत्व
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को समुद्र मंथन के समय भगवान विष्णु के अवतार धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। जब भगवान धन्वंतरि प्रकट हुए तो उनके एक हाथ में अमृत कलश, दूसरे हाथ में आयुर्वेद ग्रंथ, तीसरे हाथ में जड़ी बूटी और चौथे हाथ में शंख विद्यमान था।
धन्वंतरि आयुर्वेद के ज्ञाता थे। उन्होंने ही सृष्टि के कल्याण के लिए औषधियों की खोज की थी। उन्होंने धन्वंतरि संहिता ग्रंथ लिखा था। इसलिए उन्होंने आरोग्य के देवता और आयुर्वेद के जनक भी कहा जाता है। इसलिए धनतेरस पर धन्वंतरी भगवान की पूजा की जाती है ताकि उनसे पूरा वर्ष स्वस्थ्य रखने की कामना कर सकें। भारतीय संस्कृति में धन से भी ऊपर स्वस्थ्य को माना गया है इसलिए दिवाली से पहले स्वस्थ के देवता धन्वंतरि भगवान की पूजा की जाती है जोकि भारतीय संस्कृति के अनुकूल है।
भारत सरकार का आयुष मंत्रालय प्रतिवर्ष धनतेरस या फिर धन्वंतरि जयंती को आयुर्वेद दिवस के रूप में मनाता है। जिसका उद्देश्य लोगों को आयुर्वेद के प्रति जागरूक करना है।
धनतेरस पर यमराज को दीप दान का महत्व
धनतेरस के दिन मृत्यु के देवता यमराज की पूजा की जाती है और उनके नाम से दक्षिण दिशा में दीपक जलाया जाता है। क्योंकि ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से घर में किसी की अकाल मृत्यु नहीं होती।
एक पौराणिक कथा के अनुसार एक हेम नाम का राजा था जिसका एक पुत्र था। ज्योतिषियों ने राजा को बताया था कि उस बालक के विवाह के चार दिन के पश्चात उसकी मृत्यु हो जाएगी। राजा यह सच्चाई जानकर दुःखी हुआ। उसने राजकुमार को ऐसे स्थान पर भेज दिया जहां उसे कोई स्त्री दिखाई ना दे ।
लेकिन देव योग से एक दिन एक सुंदर राजकुमारी वहां से निकली। दोनों एक दूसरे को देख कर मोहित हो गए और दोनों ने गंधर्व विवाह कर लिया। लेकिन जैसा कि ज्योतिषियों ने राजकुमार के विषय में बताया था, वैसा ही हुआ। दोनों के विवाह के चार दिन के पश्चात यम के दूत राजकुमार को लेने आ पहुंचे। राजकुमार की पत्नी की करुण पुकार सुनकर यमदूतों का हृदय भी द्रवित हो गया। लेकिन यमराज के दूतों का कहना था कि," यमराज की आज्ञा अनुसार उन्हें अपना कर्म करना पड़ेगा।"
यमराज के दूत यमराज से पूछते हैं कि ,"क्या कोई ऐसा उपाय है जिससे कोई मनुष्य अकाल मृत्यु से मुक्त हो जाए।" यमदूतों द्वारा पूछे जाने पर यमराज कहने लगे कि ,"अकाल मृत्यु से बचने के लिए कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि की रात्रि में जो प्राणी मेरे नाम का पूजन करके दक्षिण दिशा में दीप दान करता है, उसे अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता"। यही कारण है कि इस दिन लोग घर के दक्षिण दिशा में दीप जलाते हैं।
धनतेरस पर क्या खरीदना शुभ होता है
धनतेरस के दिन बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है क्योंकि धनतेरस के दिन धनवंतरि भगवान हाथ में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। इसलिए इस दिन पीतल, चांदी या फिर स्टील के बर्तन खरीदे जाते हैं।
धनतेरस के दिन लोग धनिया के बीज खरीदते हैं और दिवाली वाले दिन उसकी पूजा करने के पश्चात अगले दिन उसे घर के आंगन के बगीचे में ,खेत में या फिर किसी गमले बीजों को बोअ दिया जाता हैं ।
ऐसी मान्यता है कि अगर धनिए का पौधा एकदम स्वस्थ निकलता है तो वर्ष भर आपकी आर्थिक स्थिति उत्तम रहेगी और यदि धनिया का पौधा पीला और कमजोर निकलता है तो आपको आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
धनतेरस के पर्व पर लोग सोने-चांदी के गहने या सिक्के खरीदते हैं ऐसी मान्यता है कि इस दिन जो भी खरीदा जाता है उसमें 13 गुना की वृद्धि होती है।
मां लक्ष्मी और गणेश की चांदी की मुर्ति या फिर सिक्के खरीद कर उनकी पूजा की जाती है ताकि मां लक्ष्मी और गणेश जी की कृपा बनी रहे।
धनतेरस पर लोग नया वाहन, सम्पत्ति या फिर महंगे इलैक्ट्रोनिक सामान खरीदते हैं क्योंकि यह सब चीजें वैभव और ऐश्वर्य की प्रतीक है और माना जाता है कि इस दिन जो भी खरीदा जाता है उसमें मां लक्ष्मी की कृपा से बरकत होती है।
धनतेरस पर धन की देवी मां लक्ष्मी, धन वैभव के खजांची कुबेर आपको भरपूर धन प्रदान करें और धन्वंतरि भगवान आपको स्वस्थ रखें इसी कामना के साथ gyaan ki pathshala के सभी पाठकों को धनतेरस की हार्दिक शुभकामनाएं।
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