POSITIVE THINKING STORY IN HINDI

POSITIVE THINKING STORY IN HINDI SAKARATMAK SOCH KI KAHANI

पॉजिटिव थिंकिंग की प्रेरणादायक कहानी 

एक बार एक नौजवान ने कॉलेज की पढ़ाई करने के बाद अपना बिजनेस शुरू किया.सब कुछ अच्छे से चल रहा था. फिर एक बड़ी कंपनी के लिए काम करने का मौका मिला .उसके लिए उसके पास पैसे नहीं थे .उसने बैंक से बहुत सारे लोन लिया और अपना कॉन्ट्रैक्ट  पूरा किया,लेकिन कंपनी को माल पसंद नहीं आया और डील कैंसिल हो गई. 

जिसके कारण उसकी सारी प्रॉपर्टी बिक गई और वह डिप्रेशन में चला गया.उसे लगा सब कुछ खत्म हो गया और नकारात्मकता उसके मन में घर कर गया गई. उसे हर समय आत्महत्या करने का ही विचार आता रहता, कि अब कुछ नहीं बचा मुझे मर जाना चाहिए.  
यही निश्चय करके वह घर से निकला ,"आज मैं ट्रेन के आगे आकर अपनी जिंदगी खत्म कर दूंगा ."

रास्ते में जब ट्रैफिक सिग्नल पर रूका वहां एक 8 साल का बच्चा गुब्बारे बेच रहा था.उस नौजवान उस बच्चे से पूछा तुम इतनी छोटी सी उम्र में गुब्बारे क्यों बेच रहे हो.तो उस बच्चे ने जो जवाब दिया उससे वह नौजवान  स्तब्ध रह गया .उसने कहा, -मुझे भूख को हराना है और जिंदगी से जीतना है."उस नौजवान ने सोचा मैंने मर तो जाना है तो मरने से पहले उसने बच्चे से सारे बैलून खरीद लिए और उसे पैसे दे दिए  और आगे चला गया.

लेकिन उस बच्चे की कही हुई बातें उसे सारे रास्ते परेशान करती रही ."इतने छोटे से बच्चे  ने इतनी गहरी बात क्यों कही .इसके पीछे क्या कारण था .मैं अपनी परेशानी में उससे पूछना ही भूल गया ."
उसके मन में आया कि मरने से पहले एक बार उस बच्चे से उसकी परेशानी का कारण पूछे.वह वापस उस सिग्नल पर गया.लेकिन वह बच्चा वहां से जा चुका  था. उसमें आसपास वाले लोगों से पूछा कि वह बच्चा जो गुब्बारे बेच रहा था कहां गया.
उन्होंने बताया कि वह पास वाली झोपड़पट्टी में रहता है. वह उस झोपड़पट्टी में चला गया और उसने देखा कि वह बच्चा स्कूल जाने के लिए तैयार हो रहा था .बच्चे ने उस नौजवान को देखकर पूछा ,"भैया आप जहां ."वह नौजवान बच्चे से पूछता है कि तूने मुझे यह क्यों कहा कि "मुझे भूख को हराना है ,और जिंदगी को जीतना है."

उसने कहा कि मैं पढ़ना चाहता हूं जिंदगी में कुछ बनना चाहता हूं .लेकिन मेरे मां-बाप मर चुके हैं .मुझे पढ़ाने वाला, मेरे लिए खाना लाने वाला कोई नहीं है और जिंदगी जीने के लिए खाना बहुत जरूरी है .इसलिए मैं सुबह गुब्बारे बेचकर अपना खाना लाता हूं और उसके बाद पढ़ने जाता हूं.
शाम को भी मैं ऐसे छोटे-मोटे काम करके अपने खाने का इंतजाम कर लेता हूं .मेरी जिंदगी में बहुत बड़े-बड़े सपने हैं उसे पूरा करने के लिए जिंदा रहना बहुत जरूरी है . और जिंदा रहने के लिए खाना बहुत जरूरी है . 
इसलिए मैंने आपको कहा था कि मैं भूख को हराना चाहता हूं और जिंदगी को जीतना चाहता हूं .बच्चे की यह बात ने उस नौजवान के दिमाग को  झकझोर दिया,कि अगर एक छोटा सा बच्चा जिंदगी के लिए इतना संघर्ष कर रहा है.
मेरे पास तो फिर भी बहुत कुछ है जिंदगी में करने के लिए. मैंने अपनी परेशानी में अपने मां बाप के बारे में सोचा ही नहीं जो मुझसे इतना प्यार करते हैं मेरे लिए हर चीज का इंतजाम करते हैं .और दूसरी तरफ यह बच्चा है जो हर काम खुद करता है फिर भी अपनी जिंदगी से कितना है संतुष्ट है,कितना आशावादी हैं.

उसने फिर निश्चय किया अब मैं मरूंगा नहीं.ऐसे बच्चों के लिए ही काम करूंगा .क्योंकि इस बच्चे के कारण मेरी जिंदगी बची है ,फिर उसने ऐसे बच्चों के लिए एक संस्था बनाई जिनके माता-पिता नहीं थे और वह पढ़ना चाहते थे . इस तरह उसने नैतिक जिम्मेदारी निभाई. अपना बिजनेस एक नए सिरे से शुरू किया और समय के साथ में कामयाब हो गया .
इसलिए नकारात्मकता को कभी भी अपने मन में घर ना करने दें .जिंदगी में लक्ष्य ढूंढें जिसके लिए आप जी सके .अगर मरने का विचार आपके मन में आए अपने माता-पिता के बारे में सोचें .आपसे जो प्यार करते हैं उनके बारे में सोचें एक अच्छे डॉक्टर की सलाह लें.  

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