MOTIVATIONAL KAHANI IN HINDI

MOTIVATIONAL INSPIRATIONAL KAHANI IN HINDI inspirational stories for students VIDHI KA VIDHAN ATAL HAI kahani

मोटिवेशनल कहानियां 

मोटिवेशनल कहानियां हमारा हौसला अफजाई करती है। हमारे ज्ञान में वृद्धि करती है। कई कहानियां मजेदार होने के साथ साथ हमें गहरी सीख दे जाती है। जिससे चहरे पर एक मुस्कान आ जाती है वहां दूसरी ओर वह हमारे दिमाग में एक गहरी छाप छोड़ जाती है। 

जीवन के किसी मोड़ पर जब हमें लगता है कि अब आगे क्या करना चाहिए तब मोटिवेशनल स्टोरीज हमें जीवन में आगे बढ़ने के लिए एक नई दिशा दिखाती है। महान पुरुष की कहानियां तो सदैव एक लाईफ टाईम lesson से कम नहीं होती। इस आर्टिकल में मोटिवेशनल कहानियां हैं दी जा रही है आशा है वें आपको मोटिवेट करेंगी।

VIDHI KA VIDHAN ATAL HAI KANANI

विधि का विधान अटल है

 एक बार एक देवदूत पृथ्वी लोक के ऊपर से गुजर रहे थे तो उन्होंने देखा कि एक घर के दरवाजे पर एक कन्या के विवाह के लिए दो बरातें पधारी थी। यह दृश्य देखकर देवदूत भगवान के पास पहुंचे। उन्होंने सारा वृत्तांत प्रभु को बताया। देवदूत पूछने लगे कि प्रभु उस लड़की का विवाह किसके साथ होगा?

 भगवान कहने लगे कि," विधि के विधान अनुसार तो मां की पसंद के दूल्हे से होगा।" देवदूत के मन में कुछ चल रहा था मानो वह परखना चाहते हो कि क्या सचमुच विधि के विधान अनुसार सब पहले से निश्चित होता है। 

वह पुनः उसी स्थान पर पहुंचे यहां पर दो बारातें आई थी। उन्होंने जिस दूल्हे को मां ने पसंद किया था। उसको चुपचाप वहां से गायब कर दिया और दूर एक निर्जन स्थान पर ले जाकर छोड़ दिया। 

अब वह फिर से विवाह वाले घर पर पहुंच गए कि देखते हैं कि अब लड़की का विवाह किस दूल्हे से होता है। वहां पर सभी बाराती छप्पन भोग का आंनद ले रहे थे। 

यह देखकर देवदूत के मन में विचार आया कि वह दूल्हा बेचारा उस निर्जन स्थान पर क्या खाएगा? उसी समय उनकी दृष्टि एक टोकरी पर गई। उसमें मिष्ठान, मेवे और खाद्य सामग्री भरी हुई थी। वह उस टोकरी को उठा कर उस दूल्हे के लिए ले गए। दूल्हे ने जब टोकरी में रखे खाने-पीने का सामना देखा तो उसने जैसे ही उसने टोकरी में से सामना निकालना चालू किया तो एक सुंदर कन्या बाहर निकली। यह कन्या ही वह दुल्हन थी जिसकी शादी होनी थी। 

देवदूत यह देखकर दंग रह गए और उन्होंने कन्या से टोकरी में बैठने का कारण पूछा। कन्या कहने लगी कि, जब मेरी मां को पता चला कि उनका पसंद किया हुआ दूल्हा गायब हो गया है तो उन्होंने मुझे इस टोकरी में छिपा दिया। 

यह टोकरी जिस लड़के को आप उठा कर लाएं हो उनके घर से लाई गई थी ताकि बारात में आएं संबंधियों की रास्ते में खातिरदारी कर सके। मेरी मां ने मुझे इस टोकरी में छिपा कर उनके पिता को सूचना दे दी थी। उन्होंने कहा था कि जब आपका पुत्र वापस लौट आए तब आप मेरी पुत्री की शादी उससे करवा देना। उसी समय आप वहां आ गए और यह टोकरी उठा कर यहां ले आएं। 

अब देवदूत भगवान की सारी लीला को समझ चुके थे। वह जानते थे कि इतने सारे लोगों के विरोध के सामने लड़की की शादी इस लड़के से करवा मुश्किल है। इसलिए उन्होंने मुझे से ही सारा कार्य करवा दिया। अब देवदूत ने स्वयं उन दोनों का विवाह करवा कर सकुशल उनके परिवार के पास पहुंचा दिया। जब वह भगवान के पास पहुंचे तो वह मंद मंद मुस्कुरा रहे थे। अब देवदूत समझ गए थे कि विधि का विधान अटल है। 

Moral - इस कहानी से सीख मिलती है कि होनी होनहार है कोई चाहे कितनी भी चतुराई‌ कर लें उसे कोई नहीं टाल सकता।

KISAN KI BUDDHIMAN BETI KI KAHANI

किसान की बुद्धिमान बेटी की कहानी 

Motivational kahani in hindi: एक बार एक किसान ने एक जमींदार से पैसे उधार लिए। लेकिन वह समय पर अपना उधार चुकता नहीं कर पाया। एक दिन अधेड़ उम्र के जमींदार की नज़र किसान की जवान बेटी पर पड़ी। उसने किसान को एक आफर दी। मै एक पोटली में दो पत्थर डालूंगा एक सफेद और एक काला। अगर तुम्हारी बेटी ने काला पत्थर निकाला तो उसे मुझ से शादी करनी पड़ेगी और तुम्हारा सारा उधार माफ हो जाएगा।

लेकिन अगर सफेद पत्थर निकाला तो उसे मुझ से शादी भी नहीं करनी पड़ेगी और सारा कर्ज भी माफ हो जाएगा। उसने पूरी पंचायत में यह बात स्वीकार की। जमींदार ने बड़ी चालाकी से पोटली में दोनों काले पत्थर डाल दिए। किसान की बेटी ने उसे ऐसा करते हुए देख लिया था।

उसके सामने अब तीन विकल्प थे-

एक पत्थर निकालने से मना कर दे।

 दूसरा वह उस जमींदार की पोल पूरी पंचायत के सामने खोल सकती थी लेकिन उससे उसके पिता को जमींदार का पूरा पैसा देना पड़ता। 

 तीसरा सब जानते हुए भी एक पत्थर निकाल कर वह चुपचाप जमींदार से शादी कर ले जिससे उसके पिता का सारा कर्ज उतर जाएं। 

लेकिन लड़की ने कुछ ऐसा किया जिससे सांप भी मर जाए और लाठी भी ना टूटे। उसने पोटली से पत्थर निकालते हुए पैर फिसलने का अभिनय किया। इससे कोई भी देख नहीं पाया कि लड़की ने कौन सा पत्थर निकला है। 

लड़की ने भोली बनते हुए कहा कि मैं भी कितनी नासमझ हूं। एक छोटा सा काम भी ठीक से नहीं कर पाई। अब समस्या यह आई कि कैसे पता चले कि लड़की ने कौन सा पत्थर निकला था? 

लड़की ने ही उसका समाधान सुझाते हुए कहा कि," जिस भी रंग का पत्थर पोटली में मौजूद हैं मैंने उससे दूसरे रंग का पत्थर नीचे गिराया होगा।"

 जब पोटली खोली गई तो उसमें काले रंग का पत्थर मौजूद था। इसलिए पंचायत ने फैसला सुनाया कि लड़की ने सफेद रंग का पत्थर नीचे गिराया होगा ‌। इसलिए अब उसे जमींदार से शादी भी नहीं करनी पड़ेगी और उसके पिता का सारा कर्ज भी माफ हो गया है। 

धूर्त जमींदार जानता था कि मेरी ही चाल मुझ पर उल्टी पड़ी है लेकिन पूरी पंचायत में उसे इस फैसले को स्वीकार करना पड़ा। वह चाह कर भी नहीं बता सकता था कि पोटली में तो दोनों ही पत्थर काले रंग के थे। 

Moral - मुसीबत में भी हमें अपनी सूझ-बूझ से काम लेना चाहिए और कभी भी हार नहीं माननी चाहिए। अपनी सूझ-बूझ से हम मुश्किल परिस्थितियों में भी बढ़िया समाधान निकाला सकते हैं।

SWAMI VIVEKANAND JI KI KAHANI 

स्वामी विवेकानंद की कहानी 

MOTIVATIONAL KAHANI IN HINDI :एक बार स्वामी विवेकानंद रेलगाड़ी में कहीं जा रहे थे। उस समय अंग्रेज भारतीयों को पसंद नहीं करते थे। वें किसी ना किसी तरह उनको अपमानित करते रहते थे। स्वामी विवेकानंद जी जिस सीट पर बैठे थे। उसकी दोनों तरफ दो अंग्रेज बैठे थे। स्वामी विवेकानंद की उपस्थिति उन दोनों को पसंद नहीं आ रही थी।

 इसलिए उन्होंने स्वामी विवेकानंद की बेइज्जती करने करने की सोची। पहला अंग्रेज कहने लगा कि," मेरी बगल की सीट पर एक सुअर बैठा है।"

 दूसरा अंग्रेज कहने लगा कि," मेरी बगल की सीट पर एक कुत्ता बैठा है।" 

उन दिनों अंग्रजों को लग रहा था कि इससे स्वामी विवेकानंद अपमानित महसूस करेंगे। लेकिन स्वामी विवेकानंद ने जो जवाब दिया उससे दोनों अंग्रेजों की बोलती बंद हो गई। 

 स्वामी विवेकानंद ने अपनी हाजिर जवाबी का परिचय देते हुए कहा कि," मैं तो एक कुत्ते और एक सुअर के मध्य में बैठा हूं।"

Moral - स्वामी विवेकानंद की इस कहानी से हमें शिक्षा मिलती है कि हम अपनी बुद्धिमत्ता से सामने वाले को पराजित कर सकते हैं। 

GAUTAM BUDDHA KI KAHANI 

महात्मा बुद्ध की कहानी

MOTIVATIONAL KAHANI IN HINDI :एक बार एक किसान था। उसकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। घर का गुजारा बड़ी मुश्किल से चल पाता था ।जिसके कारण उसे किसी ना किसी समस्या का सामना करना पड़ता और इस कारण से वह परेशान रहता था। उसे लगता था कि उसके जीवन में समस्याएं तो खत्म होने का नाम नहीं ले रही।

उसने यह बात अपने मित्र को बताई। मित्र ने उसे महात्मा बुद्ध के पास जाने को कहा । वह व्यक्ति महात्मा बुद्ध के पास अपनी समस्या लेकर गया। उसने महात्मा बुद्ध को बताया कि मेरी पत्नी बहुत अच्छी है लेकिन प्रतिदिन पैसों की कमी के कारण हमारा कोई ना कोई झगड़ा चलता रहता है। मेरी मां बीमार रहती है इस कारण वह रोज कोई ना कोई परेशानी मुझे सुनाती रहती है । मेरे दो बच्चे हैं, मैं उनकी पढ़ाई के लिए पैसे बड़ी मुश्किल से निकाल पाता हूं।

अगर मुश्किल से अगर कोई पैसा बच भी जाता है तो कोई ना कोई रिश्तेदार मदद मांगने के लिए आ जाता है ।वह पैसे उन्हें देने पड़ जाते हैं। महात्मा बुद्ध मुस्कुराए और कहने लगे कि तुम्हारी 83 समस्याओं का हल मेरे पास नहीं है । लेकिन 84वीं समस्या का हल निकाल सकता हूं। वह आदमी बोला वह कैसे?

महात्मा बुद्ध कहने लगे जीवन है इसमें तो समस्याएं तो आती ही रहेंगी। 84 वीं में समस्या का हल यह है कि तुम यह भूल जाओ कि अब तुम्हारे जीवन में समस्या नहीं आएंगी ।

तुम इस बात को  समझ लो कि समस्या तो आएंगी मुझे उनका समाधान कैसे करना इस बात पर ध्यान देना शुरू करो।तुमे अपनी सोच को बदलना होगा। यह सुनकर उस व्यक्ति को बात समझ में आ गई कि हर एक के जीवन में समस्याएं तो आती है लेकिन जरूरत सकारात्मक दृष्टिकोण अपना कर उनके समाधान ढूंढने की है। 

Moral - महात्मा बुद्ध की कहानी से हमें शिक्षा मिलती है कि ,"जीवन में समस्याएं तो सबके साथ आती है लेकिन जरूरत नज़रिया बदलने की है, इसलिए समस्या पर नहीं उसके समाधान कैसे निकले उस पर ध्यान केन्द्रित करना है।"

About Author : A writer by Hobbie and by profession
Social Media

Message to Author