नैना देवी सावन मेला 2024
Monday 5 August - Wednesday 14 August
Naina Devi sawan mela 2024:नैना देवी मंदिर में प्रतिवर्ष सावन मास में माता का मेला आयोजित किया जाता है। 2024 में यह मेला 5 अगस्त से 14 अगस्त तक चलेगा। श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी का विशेष होता है। 2024 में श्रावण अष्टमी बुधवार 13 अगस्त को है।
नैना देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में स्थित है। माता के मंदिर में प्रतिवर्ष सावन मास में मेला आयोजित किया जाता है। जिसमें भारी संख्या में श्रद्धालु माता के दरबार दर्शन के लिए पहुंचते हैं। जिनमें हिमाचल के साथ पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और अन्य प्रदेशों से भी श्रद्धालु माता के दरबार दर्शन के लिए आते हैं। मेले के दौरान मंदिर को फूलों और रंग बिरंगी लाइटों से सजाया जाता है। मां के दरबार में भक्त हलवा, नारियल और चुनरी चढ़ाते हैं।
मां नैना देवी अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करती है।
माता नैना देवी मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है। यहां पर माता सती के नैन गिरे थे। इसलिए इस मन्दिर का नाम नैना देवी विख्यात हुआ।
मंदिर के गृभ गृह में माता के दो नैनों की छवि अंकित है जो मां नैना देवी को दर्शाते हैं। मंदिर में तीन मुर्तियां विद्यमान है। माता काली, नैना देवी और बाईं ओर गणेश जी की मूर्ति है। इस मंदिर में स्थित पीपल के पेड़ के बारे में मान्यता है कि यह कई शताब्दी पुराना है।
मंदिर में सावन मास में सावन मेला और चैत्र और आश्विन मास के नवरात्रि में भी मेला आयोजित किया।
MATA NAINA DEVI KI AARTI LYRICS IN HINDI
तेरा अदभुत रूप निराला,
आजा! मेरी नैना माई ए।
तुझपै तन मन धन सब वारूं,
आजा मेरी नैना माई ए।
सुन्दर भवन बनाया तेरा,
तेरी शोभा न्यारी।
नीके नीके खम्भे लागे,
अद्-भुत चित्तर करी । तेरा रंग बिरंगा द्वारा। आजा
झाँझा और मिरदंगा बाजे,
और बाजे शहनाई ।
तुरई नगाड़ा ढोलक बाजे,
तबला शब्त सुनाई ।
तेरे द्वारे नौबत बाजे। आजा
पीला चोला जरद किनारी,
लाल ध्वजा फहराये ।
सिर लालों दा मुकुट विराजे,
निगाह नहिं ठहराये ।
तेरा रूप न वरना जाए ।आजा
पान सुपारी ध्वजा,
नारियल भेंट तिहारी लागे।
बालक बूढ़े नर नारी की,
भीड़ खड़ी तेरे आगे ।
तेरी जय जयकार मनावे। आजा
कोई गाए कोई बजाए,कोई ध्यान लगाये।
कोई बैठा तेरे आंगन में,नाम की टेर सुनाये।
कोई नृत्य करे तेरे आगे। आजा
कोई मांगे बेटा बेटी,
किसी को कंचन माया ।
कोई माँगे जीवन साथी,
कोई सुन्दर काया ।
भक्तों किरपा तेरी मांगे। आजा
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