MORAL STORIES IN HINDI FOR CLASS 5

MORAL STORIES IN HINDI FOR CLASS 5 MOTIVATONAL STORY IN HINDI moral story for kids कक्षा पांचवीं के बच्चों के लिए नैतिक कहानियां

कक्षा पांचवीं के बच्चों के लिए नैतिक कहानियां

बच्चों को कहानियां सुनाने की परम्परा हज़ारों सालों से चली आ रही है। ऐसा माना जाता है कि कहानियां बच्चों के मन पर गहन प्रभाव छोड़ती है। कहानियां सुनकर बच्चे जानते हैं कि मुश्किल समय में धैर्य ना खोकर हम अपनी बुद्धि और विवेक से असंभव दिखने वाली मुश्किलों का भी समाधान कर सकते हैं। बच्चे नैतिक मूल्यों को सीखते हैं कि हमें कैसे लोगों की संगति करनी चाहिए। लालच में फंसकर हम हमारे पास पहले से मौजूद हैं उसे भी को देते हैं।  इस आर्टिकल में हम Moral stories in hindi for class 5 में बच्चों के लिए प्रेरणादायक मोरल स्टोरीज लिख रहे हैं जो‌ की बच्चों को सुनने में मजेदार लगेगी और साथ ही साथ उन कहानियों से बच्चों को अच्छा मोरल भी मिलेगा। 

 Moral Story In Hindi For Class 5 बुद्धिमान कुत्ते के स्मार्ट वर्क की कहानी 

एक दिन एक कुत्ता जंगल में रास्ता खो गया। अभी वह रास्ता खोज ही रहा था कि उसने एक शेर को अपनी ओर आते देखा।कुत्ता सोचने लगा कि आज तो जान से धोना पड़ेगा।

लेकिन फिर भी उसने हिम्मत नहीं हारी और एक युक्ति लगाई। कुत्ते को वहां पर कुछ सुखी हड्डियां पड़ी हुई मिली। जब शेर कुत्ते के एकदम समीप आ गया तो वह शेर की ओर पीठ कर के बैठ गया और सूखी हुई हड्डी को चूसने लगा। 
कुत्ता ऊंची आवाज़ में बोलने लगा कि," शेर को खाकर मज़ा आ गया, अगर एक और शेर खाने को मिल जाए तो मजा दौगुना हो जाए।" यह सुनकर शेर अचरज में पड़ गया कि यह कुत्ता होकर शेर का शिकार करता है। यहां से तो भागने में ही भलाई है।

ऐसा विचार कर शेर चुपके से वहां से चला गया। यह सारा प्रकरण वहां पेड़ पर बैठा बंदर देख रहा था। उसे यह देखकर मजा तो आ रहा था कि इस कुत्ते ने कैसे शेर को मुर्ख बनाया है। लेकिन उसके मन में खुराफात जागी कि शेर को जाकर सारी सच्चाई बता देता हूं। जिससे मैं शेर का विश्वासपात्र बन जाऊंगा। शेर से मेरी मित्रता भी हो जाएगी और मुझे शेर का भय भी नहीं रहेगा। बंदर जल्दी से शेर के पिछे भागा। 

कुत्ते ने बंदर को शेर के पीछे भागते देखा तो समझ गया कि कुछ तो गड़बड़ है। बंदर ने जाकर शेर को कुत्ते की सारी चालाकी बता दी कि कैसे उसने शेर को बेफकूफ बनाया है। इतना सुनते ही शेर क्रोधित हो गया तो कहने लगा कि ,"अभी जाकर उस कुत्ते का काम तमाम करता हूं।"

कुत्ते ने जब शेर को बंदर के साथ आते हुए देखा तो सोचने लगा अब तो प्राण बचाने मुश्किल है। इस बंदर ने सारी सच्चाई शेर को बता दी होगी। कुत्ता एक बार फिर से हिम्मत करके पीठ करके बैठ गया और ज़ोर-ज़ोर से बोलने लगा कि ना जाने कम्बख़त बंदर कहा मर गया। उसे कब से भेजा है कि किसी शेर को फंसा कर लाने को ताकि उसे खाकर मैं अपनी भूख शांत कर सकूं। इतना सुनते ही शेर ने बंदर को मार दिया और स्वयं वहां से जान बचा के भाग गया।
इस तरह कुत्ते ने मुश्किल समय में भी हिम्मत ना हार कर बहुत समझदारी से अपनी जान दो बार बचा ली और उसके खिलाफ साजिश करने वाले बंदर को भी अपने शत्रु को हाथों मरवा दिया।

Moral - इस कहानी से हमें शिक्षा मिलती है कि मुश्किल समय में भी हिम्मत नहीं हारनी चाहिए और स्मार्ट थिंकिंग से हम अपनी समस्या का समाधान निकाल सकते हैं। 

Moral Story In Hindi For Class 5 संगति का असर 

एक बार एक राजा शिकार खेलने के लिए जंगल में गया। वहां उसे बहुत परिश्रम के पश्चात भी कोई शिकार नहीं मिला। राजा शिकार की खोज में बहुत आगे निकल गया और अपने सैनिकों से बिछड़ गया। अब राजा जंगल में अकेले ही रास्ते की खोज कर रहा था। 

राजा जब बहुत थक गया तो विश्राम करने के लिए एक पेड़ के नीचे बैठ गया। तभी पेड़ पर बैठा एक तोता चिल्लाने लगा कि एक यात्री यहां बैठा है इसे जल्दी से लूट लो। इतना सुनते ही राजा वहां से भाग निकला। राजा जान गया कि यहां जरूर आसपास डाकू होंगे तभी तोता लूटने की बात कर रहा है। 

बहुत दूर जाने के पश्चात राजा फिर से विश्राम करने के लिए एक पेड़ के नीचे बैठ गया। उस पेड़ पर एक तोता बैठा था। वह बहुत विनम्रता भरे लहजे में बोला श्रीमान पास में ही हमारे संत जी का आश्रम है। आप आइये और वहां जलपान कर विश्राम करें। तोते की बात सुनकर राजा बहुत विस्मित हुआ। राजा पास में बने आश्रम में चला गया और वहां मौजूद संत जी के शिष्यों ने राजा का उचित मान-सम्मान किया। राजा ने संत जी को दोनों तोतों की बातें बताई।

 राजा संत जी से पूछने लगा कि," महाराज तोते तो दोनों एक ही प्रजाति के थे। फिर दोनों की वाणी और शब्दों में इतना अंतर क्यों था?" संत जी कहने लगे कि राजन इस में तोते का कोई दोष नहीं है। एक तोता डाकूओं की संगति में रहता है इसलिए वह मारने और लूटने की बातें करता है। दूसरा तोता साधू-संतों की संगति में रहता है इसलिए इतनी विनम्रता से बातें करता है। इसलिए तो कहते हैं जैसी हमारी संगत होती है वैसी ही हमारी रंगत हो जाती है।

Moral - संगति का हमारे जीवन पर बहुत प्रभाव पड़ता है इसलिए सदैव अच्छे आचरण वाले लोगों की संगति करनी चाहिए। 

 Moral Story In Hindi For Class 5 लालच बुरी बला है 

एक बार एक वृद्ध व्यक्ति तीन गठरी लेकर पहाड़ चढ़ रहा था। रास्ता कठिन होने के कारण उसे गठरी के साथ चढ़ने में परेशानी हो रही थी। उसने एक नौजवान को अपने पास से गुजरते हुए देखा। वृद्ध व्यक्ति ने नौजवान से कहा - अगर तुम मेरी तांबे के सिक्के से भरी गठरी ऊपर पहुंचा दो तो मैं तुम को उसमें से पांच सिक्के दूंगा। नौजवान मान गया और वह बुजुर्ग की गठरी लेकर ऊपर पहाड़ी पर पहुंच कर उसकी प्रतीक्षा करने लगा। 

बुजुर्ग ने ऊपर पहुंच कर उसे पांच तांबे के सिक्के दे दिए और एक ओर प्रस्ताव रखा। वह कहने लगा कि अगर तुम अगली पहाड़ी तक मेरी चांदी के सिक्कों की गठरी भी उठा लो तो मैं तुम को पांच तांबे के और पांच चांदी के सिक्कों दूंगा। वह नौजवान खुशी खुशी मान गया क्योंकि उसने कभी भी इतनी कमाई एक साथ नहीं की थी। इस बार भी वह पहाड़ी के ऊपर पहुंच कर उस बुजुर्ग की प्रतीक्षा करने लगा। 

पहाड़ी पर पहुंच कर वृद्ध व्यक्ति ने अपने वायदे के अनुसार नौजवान को पांच तांबे के और पांच चांदी के सिक्कें दे दिए। बुजुर्ग ने इस बार नौजवान से कहा कि अगर तुम अगली पहाड़ी तक मेरी सोने के सिक्कों की गठरी भी उठा लो तो मैं तुम को पांच तांबे के, पांच चांदी के और पांच सोने के सिक्कें दूंगा।

नौजवान का मन तो मानो मारे खुशी के उछल रहा था। उसने जल्दी से हामी भर दी। वह तीनों गठरी उठा कर पहाड़ी की ओर चल पड़ा। लेकिन रास्ते में उसके मन में लालच आ गया। वह सोचने लगा कि मैं इस बुजुर्ग व्यक्ति से बहुत जल्दी पहाड़ी पर पहुंच जाऊंगा। क्यों ना मैं तीनों गठरी लेकर भाग जाऊं। 

यह वृद्ध व्यक्ति मेरे बारे में कुछ भी नहीं जानता इसलिए यह कहां मुझे ढूंढ पाएगा। इस तरह उसके मन में लालच ने घर कर लिया। वह नौजवान एक सुनसान जगह पर चला गया और उसने वहां जाकर सोने के सिक्कों वाली गठरी खोली। उसमें एक पत्र पड़ा हुआ था। जिस पर लिखा था कि जिस व्यक्ति का धन चुरा कर तुम भागे हो वह जहां का राजा है। 

राजा को राजकोष की सुरक्षा के लिए ईमानदार नौजवान ढूंढ रहा था। अगर तुम यह धन चुरा कर नहीं भागते तो तुम्हारी राजकोष की सुरक्षा सैनिक के रूप में नियुक्ती पक्की थी। राजा के सैनिक हर पल हर क्षण तुम पर नज़र रख रहे हैं। इसलिए तुम अब भाग नहीं सकते। अब तुम को राजा का धन चुराने के अपराध में कारागार में डाल दिया जाएगा।

 अब नौजवान को अपने किए पर पछतावा कर रहा था कि अगर उसके मन में लालच ना आया होता तो आज उसके पास बहुत से तांबे, चांदी और सोने के सिक्कों के साथ साथ राजदरबार में सैनिक की नौकरी भी होती। 

Moral - लालच बुरी बला है ,क्योंकि हम ज्यादा पाने के लालच में जो हमारे पास पहले से मौजूद हैं हम उसे भी को देते हैं। 

 Moral Story in Hindi For Class 5 मुसीबत में धैर्य नहीं खोना चाहिए 

एक बार एक व्यक्ति दिन भर मजदूरी करके पैसे कमाने के पश्चात अपने घर की तरफ जा रहा था। सर्दियों के दिन थे और शाम ढल चुकी थी। सर्दी से बचाव के लिए उसने चादर ओढ़ रखी थी। उसके इलाके में डाकूओं का बहुत प्रकोप था। अक्सर डाकू लोगों से उन का धन और कीमती सामान लूट कर ले जाते थे।

वह व्यक्ति शारीरिक रूप से मजबूत और ताकतवर था। जब वह अपने घर की तरफ जा रहा था तभी एक डाकू अचानक से उसके सामने आ गया और उसको बंदूक दिखाकर कहने लगा कि," जो कुछ भी है तुम्हारे पास मुझे दे दो।"
उस व्यक्ति ने भांप लिया कि यह डाकू शारीरिक से तो मुझ से कमजोर लग रहा है इसकी असली ताकत इसकी बंदूक है। अगर किसी तरह मैं इसकी यह ताकत खत्म कर दूं तब ही इससे जीत सकता है।
उसने अपनी पैसों वाली पोटली निकली और उस डाकू को दे कर रोने गिड़गिड़ाने लगा। वह व्यक्ति डाकू से कहने लगा कि,"मेरी पत्नी बहुत झगड़ालू है, उसने मेरा जीना हराम कर रखा है, अगर मैं आज बिना पैसों के घर गया तो वह फिर से मुझे से झगड़ा करेंगी कि मैंने जुएं में पैसे हारा दिये होंगे।

आप ऐसा करो कि मेरी टोपी में एक गोली मार दो ताकि मैं बता सकूं कि मेरे पैसे डाकू लूट कर ले गए हैं। डाकू उसकी बातों में आ गया और उसने टोपी में एक गोली मार दी। 
अब वह व्यक्ति कहने लगा कि," घर परिवार को लगना चाहिए कि मुझ पर बहुत शक्तिशाली डाकू ने हमला किया था इसलिए मेरे कोट में भी गोली मार दो।" व्यक्ति ने कोट उतारा और डाकू ने उसमें गोली मार दी।
जब जैसे ही डाकू जाने लगा वह व्यक्ति बोला कि आप मेरी एक प्रार्थना और मान लें और मेरी चादर में भी दो - चार गोलियां मार दें। डाकू ने जाने की जल्दी में उसकी वह बात भी मान ली। इस बार भी डाकू जैसे ही जाने के लिए मुड़ा वह व्यक्ति फिर से बोल पड़ा मेरी एक बात और मान लो। 

डाकू गुस्से से तमतमा उठा और कहने लगा कि अब बस कर आगे तेरी पत्नी और परिवार के चक्कर में मेरी सारी गोलियां खत्म हो गई है।
उस व्यक्ति ने जैसे ही यह सुना उस ने तुरंत उस डाकू को दबोच लिया और अपने पैसे वापस छीन लिये। इस प्रकार उस व्यक्ति ने कठिन समय में धैर्य और संयम बनाएं रखा और अपनी सुझबूझ से उस डाकू से अपने पैसे वापस हासिल कर लिये।
इसलिए हमें मुश्किल समय में धैर्य नहीं खोना चाहिए और अपने विवेक से निर्णय लेने चाहिए। जैसे इस व्यक्ति ने जब तक डाकू के हाथ में बंदूक थी तब तक अपने आप को लाचार दिखाता रहा और जैसे ही गोलियां खत्म हुई तब ही उसने अपने शारीरिक बल का प्रयोग किया।
Moral - मुश्किल समय में आपने विवेक से काम लेना चाहिए और थोड़ा स्मार्ट तरीके से सोचना चाहिए। 

Moral Story In Hindi For Class 5 जीवन‌ का सूत्र 

 एक बार एक राजा था। उसका कोई भी पुत्र नहीं था। वह चाहता था कि उसका कोई उत्तराधिकारी मिल जाए। उसने अपने महल के साथ एक सुंदर सा महल बनवाया और उसके ऊपर एक गणित का सूत्र लिखवा दिया और कहा जो इस को सुलझाएगा और महल का दरवाजा खोलेगाा महल उसका हो जाएगा।
नगर में यह घोषणा करवा दी गई। लेकिन कोई भी उस सूत्र को सुलझा नहीं पाया। राजा ने दूसरे राज्यों में भी घोषणा करवा दी दूर- दूर से विद्वान आए पर वह भी उसे सुलझा ना सके।

दिन- महीने बीतते चले गए तो एक दिन राजा ने घोषणा करवा दी कि गणित का सूत्र सुलझाने का कल आखिरी दिन है। बहुत से विद्वान आए, पंडित आए दूर से आए। एक 16-17 साल के बुद्धिमान लड़के ने भी सुना की राजा ने कोई प्रतियोगिता रखी है। वह भी राज महल पहुंच गया।

 प्रतियोगिता के संचालक ने लड़के से कहा, " अगर तुम पहले सूत्र सुलझाना चाहते हो तो पहले जा सकते हो। "लड़का बोला, "पहले आप विद्वानों को मौका दीजिए।‌‌ मैं बाद मे जाऊंगा।"लेकिन कोई भी सूत्र सुलझा ना पाया।
राजा ने सोचा की लगता है कोई भी उत्तराधिकारी बनने के योग्य नहीं है। अंतिम बारी जब उस लड़के की आई तो उसने समय लेकर कुछ सोचा और दरवाजा खोल दिया। सारा भवन तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। राजा ने उस से पूछा कि उसने यह दरवाजा कैसे खोला?

लड़के ने कहा कि जब,"मैंने देखा कि यह सूत्र किसी से भी हल नहीं हो रहा, तब मेरे मन में विचार आया कि हो सकता है की ऐसा कोई सूत्र हो ही ना। यह केवल उलझाने के लिए ही लिखा गया हो और दरवाजा को धक्का मारते ही दरवाजा खुल गया।" राजा उसकी सूझ-बूझ से प्रसन्न हुआ और उसे अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया। इसी तरह जीवन में कई बार  समस्या इतनी बड़ी नहीं होती जितनी हम समझ लेते है। 

Moral - इस कहानी से हमें शिक्षा मिलती है कि कई बार हम समस्या को इतनी बड़ी मान लेते हैं कि उसके समाधान की ओर ध्यान ही नहीं दे पाते। लेकिन हम अपनी बुद्धिमत्ता से असंभव दिखने वाली चीजों का भी हल निकाल सकते हैं। 

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