ZIDDI BACHCHO KO KAISE SUDHARNE

ZIDDI BACHCHO KO KAISE SUDHARNE

ZIDDI BACHCHO KO KAISE SUDHARNE

बच्चे का जिद्दी होना लगभग हर पेरेंट्स कि समस्या है। हर बच्चे के अपने गुण अवगुण होते हैं। आप एक बच्चे की तुलना किसी दूसरे बच्चे से नहीं कर सकते। लेकिन बहुत से माता पिता की समस्या होती है कि हमारा बच्चा बहुत जिद्दी है और कई बच्चे तो जिद्दी होने के साथ साथ गुस्सेल भी होते हैं। उन पेरेंट्स का एक सामान्य प्रश्न होता है कि अपने जिद्दी बच्चे को कैसे सुधारें।

पेरेंट्स आत्मनिरिक्षण करें

अपने बच्चों को सुधारने से पहले पेरेंट्स आत्मनिरिक्षण करें कि कहीं वह स्वयं भी अपने बच्चों के सामने अपने से बड़ों पर गुस्सा तो नहीं करते या फिर जो घर के बड़े कह रहे हैं बच्चों के सामने आप उस बात को इग्नोर तो नहीं कर रहे।क्योंकि बच्चे अक्सर अपने माता पिता को ही फोलो करते हैं।

दूसरे जैसे बच्चे आपसे बार बार फोन चलाने की मांग कर रहा है तो कहीं आप स्वयं भी अपना सारा समय बच्चे के सामने फोन तो नहीं चला रहे। अब जब आप उसको ज्यादा फोन चलाने से रोकोगे तो वह जिद्द करेंगे आप भी तो चलाते हो मुझे भी चलाने दो। इसलिए अपने बच्चे के सामने अच्छे आदर्श स्थापित करें।

धैर्य से काम लें

जिद्दी बच्चों के सामने माता-पिता को सबसे पहले धैर्य से काम ले।क्योंकि बच्चा अगर जिद कर रहा है तो आपको अपना टेंपर पर नहीं खोना चाहिए ।सबसे पहले बच्चे का जिद करने का कारण खोजें कि बच्चे जिद्द क्यों कर रहा है? अगर बच्चे की जिद्द मानने लायक है तो आप उसे उस समय मान लें और बाद मे से समझाएं कि बेटा हर बात जिद करना अच्छी बात नहीं है। 

जैसे मान लो वह जिद्द कर रहा हो कि मुझे मैगी नूडल्स खानी है तो आप उस समय उसे बना कर दे सकते हैं। लेकिन उसके खाने से होने वाले फायदे नुकसान किसी और समय कोई रोचक कहानी बना कर बताएंगे तो बच्चे शायद अगली बार उस चीज़ को लेकर जिद्द ना करें। 

नकारात्मक शब्दों का प्रयोग ना करें

जिद्दी और जल्दी गुस्सा करने वाले बच्चे को समझाने के लिए नकारात्मक शब्दों का प्रयोग ना करें। 

शब्दों का हमारे दिल और दिमाग पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है। जिद्दी बच्चों के सामने चिल्लाओ मत कि जगह इस्तेमाल करे कि बेटा आराम से बात करो।

 चीजें इधर उधर फैंके तो बोले कि बेटा ध्यान से आपको या किसी को चोट लग सकती है।  मत कर, बोला ना नहीं, ना मतलब ना का प्रयोग कम से कम करें। क्योंकि ऐसे शब्द सुनते ही बच्चे ज्यादा अग्रेसिव हो सकते हैं।

चिल्लाय मत, इग्नोर करे

जब बच्चा जिद्द करे तो उस पर चिल्लाना नहीं चाहिए क्योंकि ज्यादातर बच्चे जिद्द और गुस्सा आपका अटेंशन पाने के लिए करते हैं‌।

 इसलिए जब बच्चा जिद करे तो उस समय आप शांत रहे और धैर्य से काम ले। अगर आप उस समय उस पर चिल्लायेंगे तो उसका रिएक्शन उल्टा ही आएंगा। जब बच्चा शांत हो जाए तो उसे तरह के साथ सही गलत का फर्क अच्छी रणनीति अपना कर समझाएं।

बच्चों के ज़िद्दी होने का कारण ढूंढे

बच्चों के ज़िद्दी होने के कई कारण हो सकते हैं। कई बच्चे भूख लगने पर जिद्द करते हैं, कुछ बच्चे सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने के लिए जिद्द करते हैं, कुछ बच्चे केवल उन लोगों के सामने ही जिद्द करते हैं जब उन्हें पता होकि हमारी जिद्द मानी ही जाएंगी जैसे दादा दादी,नाना नानी, चाचा,मासी 

कई बार बच्चों के साथ ऐसी घटनाएं हो जाती हैं जिसके कारण वह अपने माता-पिता को भी नहीं बता पाते लेकिन ऐसी घटनाएं बच्चों के व्यवहार में असर पड़ता है और बच्चे जिद्दी और गुस्सैल हो जाते हैं। 

 बच्चे तनाव में हो सकते हैं हो सकता है कि कोई अध्यापक जाए फिर कोई सहपाठी उन्हें तंग कर रहा हो। अगर माता-पिता बच्चे की बातें ध्यान से सुनते हैं तो बच्चे सबका ध्यान अपनी ओर केंद्रित करने के लिए जिद्द करते हैं।

 जिद्दी बच्चों को कैसे समझाएं

कई बच्चे तो बात- बात पर जिद्द करते हैं या फिर किसी एक चीज़ को लेकर बार बार जिद्द करते हैं कि आप मेरी बात नहीं मानते। ऐसे बच्चे अपने पेरेंट्स के प्रति नकारात्मक धारणा बना लेते हैं। उन्हें अपने पेरेंट्स हर बात में ग़लत लगते हैं।

ऐसी हालत में पेरेंट्स को चाहिए कि बच्चों को डांट कर नहीं बल्कि रणनीति और तर्क से समझाएं कि उनकी जिद्द क्यों गलत है। आपको समझाने के लिए मैं एक प्रसंग लिख रही हूं कि कैसे एक मां ने बच्चे की एक ग़लत जिद्द के लिए उसे logically समझाया कि उसकी जिद्द कैसे ग़लत है तो बच्चे को बड़े आराम से बात समझ में आ गई।

एक 10 -12 साल का लड़का अपनी माँ बार बार जिद्द करता है कि बहुत कम रूपये खर्च करने को देते हो। 

मेरे दोस्त को उसके पापा - मम्मी, दादा - दादी हर कोई उसे अलग -अलग पैसे खर्च करने को देता है । आप लोग बहुत कंजूस हो इस लिए मुझे कम पैसे खर्च करने को देते हो। मेरा दोस्त के पास पैसे होते हैं इस लिए वह गली में आने वाले vendor से कुछ भी खरीद कर खा सकता है। 

माँ ने समझाया कि बेटा गली में आने वाले vendor साफ सफाई का ध्यान नही ं रखते इसलिए तुमे खाने से मना करते हैं। तुम्हारी पसंद का सारा सामान घर पर उपलब्ध होता और पापा हर रविवार तुम को किसी अच्छे रेस्तरां में खाने ले जाते हैं।

लेकिन बच्चे के मन में परिवार के प्रति negativity माँ ने महसूस कर ली।

उस बच्चे की माँ ने उसके दोस्त की family background पता लगाया और wait करने लगी की कब वह आ फिर से जिद्द करे और वह logically तरीके से बच्चे को समझाएं। आखिर बहुत जल्द वह दिन आ गया बच्चा फिर से जिद्द करने लगा कि आप तो बहुत कम पैसे खर्च करने को देते हो। मेरा दोस्त हर रोज 50 रूपये खर्च करता है।  

माँ ने कहा कि मैं कल से तुम को 50 रुपये  दूंगी। लेकिन मेरी एक ही शर्त है कि तुम को भी अपने दोस्त के स्कूल में जाना पडे़गा। उसकी 50 रुपये मिलने की खुशी पल में ही खत्म हो गई क्यों मां को पता था कि वह अपने स्कूल से बहुत प्यार करता है।

उसने माँ से पूछा कि," यह क्या बात हुई ?" माँ ने कहा कि तुमे अपने दोस्त के जितने पैसे जेब खर्च के लिए मिलेगे तो, तुम को स्कूल भी उसी के जाना पडे़गा। तुम्हारा दोस्त गली के स्कूल में पढ़ता है उसकी फीस 500 रुपये मासिक है और तुम्हारी 2000 रुपये महीना है. 

800 रुपये स्कूल बस के और 1000  activities के मिला कर 4000 रुपये खर्च आता है। 50 रुपये हर रोज़ तुमे देने पर 1500 महीना 500 रुपये स्कूल फीस के देकर भी 2000 रुपये मेरे पास बच जाएँगे।

क्योंकि तेरे दोस्त का स्कूल तो गली में ही है स्कूल बस के पैसे बच जाएँगे और उस स्कूल में  extra activities भी नहीं है।अब तू हमे कंजूस भी नहीं बोलेगा और यह भी नहीं कहेंगा की मम्मी पापा मुझे प्यार नहीं करते।

जब माँ ने reason देकर समझाया तो बात बच्चे की समझ में आ गई कि मेरे माँ बाप ने मुझे अच्छे स्कूल में भेजा है ।मेरी और उसकी  schooling में बहुत फर्क है।

फिर उसकी माँ ने समझाया की ज्यादा पैसे मिलने के कारण उसके दोस्त के बड़े भाई को शराब और जुए की लत लग गई है।अब पूरी बात बच्चे को समझ आ चुकी थी. अब वह स्वयं हिसाब लगाने लगा कि अगर उसके दोस्त के माँ बाप 50 रुपये हर रोज़ देने की बजाय उसे किसी अच्छे स्कूल में  भेज सकते है। अब माँ की समझदारी के कारण बच्चे के मन की सारी शंका दूर हो चुकी थी‌।

अगर आप के बच्चे भी किसी चीज के लिए अनुचित मांग या जिद्द करते हैं तो उन्हें  डांटने की बजाय logicaly समझाएँ तो वह ज्यादा बहतर तरीके से समझ सकते हैं।

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