BAWA LAL DAYAL JI DHIANPUR DHAM

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श्री ध्यानपुर धाम बावा लाल दयाल जी 

Bawa Lal Dayal Ji Duj 2024 

SUNDAY,11 February
बावा लाल दयाल जी का 669वां जन्मोत्सव 11 फरवरी को मनाया जाएगा। श्री ध्यानपुर धाम बावा लाल दयाल जी को मानने वालों के लिए सबसे पवित्र तीर्थ स्थल है। ध्यानपुर धाम भारत के पंजाब प्रांत के गुरदासपुर जिले में, बटाला से लगभग 20 किमी दूर एक गांव है। ध्यानपुर बावा लाल दयाल जी के आश्रम के कारण प्रसिद्ध है।

BABA LAL DAYAL JI HISTORY IN HINDI

 बाबा लाल दयाल जी एक महान संत, वैष्णवाचार्य, योगीराज , सतगुरु थे. बाबा लाल दयाल जी का जन्म 1335 ई.में माघ मास शुक्ल पक्ष द्वितीया तिथि (विक्रम संवत 1412) को पाकिस्तान के लाहौस्थित कसूर कस्बे में हुआ था। उनके पिता का नाम भोलामल और माता का नाम कृष्णा देवी था। 

बचपन में ही उनके मुख पर अलौकिक तेज था। एक बार बावा लाल दयाल जी बारे में एक ज्योतिषी ने बचपन में एक भविष्यवाणी की गई थी कि यह बालक साधारणर नहीं है। यह आध्यात्मिक मार्ग पर चलकर अपने साथ अपनी आने वाली पीढ़ियों का भी मार्गदर्शन करेगा। समय के साथ यह भविष्यवाणी भी सत्य साबित हुई। यह बालक आगे चलकर ज्ञानी, योगीराज तथा परमहंस, वैष्णवाचार्य आदि उपाधियों से सुशोभित हुआ।

बाबा जी ने 300 वर्ष का सुदीर्घ जीवन प्राप्त किया। माना जाता है कि वह हर 100 साल बाद अपनी विद्या से बालक बन जाते थे। 8 साल की आयु में उन्होंने शास्त्रों का अध्ययन किया ।10 वर्ष की आयु में उन्होंने महान गुरु संत चैतन्य स्वामी जी से मिले और उनसे नाम दीक्षा ली।

बाबा जी ने देश विदेशों में घूमकर धर्म का प्रचार किया। सहारनपुर के जंगलों में रहकर वह अपने तप से हर रोज प्रतिदिन हरिद्वार गंगा स्नान करने जाते थे। बाबा लाल दयाल जी मुगल बादशाह शहंशाह के बड़े पुत्र दारा शिकोह जो हिंदू मुस्लिम धर्म का सम्मान करता था बावा जी से मिलकर बहुत प्रभावित हुआ। बाबा लाल दयाल जी 1412 से लेकर 1712 अपनी तप   शक्ति से 300 तक पृथ्वी पर रहे। 

Bawa Lal Dayal JI Birthday Date 2024 

sunday 11 FEBRUARY

श्री श्री 1008 सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी के जन्मोत्सव को ध्यानपुर धाम में बहुत हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।  बाबा लाल दयाल जी का जन्म 1335 ई.में माघ मास शुक्ल पक्ष द्वितीया तिथि (विक्रम संवत 1412) को पाकिस्तान के लाहौर स्थित कसूर कस्बे में हुआ था। बावा लाल जी के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में दूर - दूर से भक्त दर्शनों के लिए आते हैं। इस अवसर पर संगतों की ओर से बहुत से भंडारे लगे होते हैं। ध्यानपुर धाम की शोभा आलौकिक लगती है। ध्यानपुर मंदिर को रंग बिरंगी रोशनियों से सजाया जाता है।  

ध्यानपुर धाम का वातावरण भक्तिमय माहौल में रंगा होता है।

DHIANPUR DHAM FOR CHILD श्री ध्यानपुर धाम की अलौकिक और दिव्य बावली

श्री ध्यानपुर धाम में एक बावली है जोकि बहुत ही पवित्र मानी जाती हैं। माना जाता है कि जिस दंपत्ति का कई वर्षों तक बच्चा ना हो उन्हें जहां संतान का आशीर्वाद मिलता है। श्री ध्यानपुर धाम की बावली में अलौकिक और दिव्य शक्तियाँ हैं।

इस बावली का निर्माण बावा लाल दयाल जी के समय करवाया गया था। उन्होंने बावली के निर्माण के पश्चात भारत के सभी हिस्सों से संतों को बुलाकर एक सभा आयोजित की थी। उन संतों ने आशीर्वाद दिया था कि जो भी बावा लाल दयाल जी का ध्यान करके बावली में स्नान करेगा उसकी मनोकामना होगी और निसंतान दंपति को संतान सुख प्राप्त होगा। 

हर महीने शुक्ल पक्ष के शनिवार (चानना शनिवार) को संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वाली महिलाएं स्नान करती है और परम पूज्य महाराज जी द्वारा दिव्य प्रसाद और आशीर्वाद दिया जाता है। बावा लाल दयाल जी की कृपा से उनको संतान सुख प्राप्त होता है। संतान प्राप्ति की इच्छा से स्नान करने वाली महिलाओं को कुछ नियमों का पालन करना पड़ता है जो आपको ध्यानपूर धाम जाने पर अच्छे से समझाएं जाते हैं। इस स्थान पर अनगिनत दंपतियों को संतान सुख प्राप्त हो चुका है। 

ध्यानपुर धाम कैसे पहुंचे 

निकटतम हवाई अड्डा 

ध्यानपूर धाम से निकटतम हवाई अड्डा अमृतसर का' राजा सांसी हवाई अड्डा' है। अमृतसर से आप बस या टैक्सी से ध्यानपूर धाम जा सकते हैं।

रेलवे स्टेशन

ध्यानपूर धाम से निकटतम रेलवे स्टेशन बटाला है, वहां से आप टैक्सी बस से ध्यानपूर धाम जा सकते हैं।

सड़क मार्ग

ध्यानपूर धाम पंजाब राज्य के जिला गुरदासपुर, बटाला से 20 किलोमीटर की दूरी पर है और अमृतसर से 45 किलोमीटर दूर है। दोनों ही स्थान से ध्यानपूर धाम के लिए सीधी बसें चलती हैं। 

 Bawa Lal Ji ki Aarti Lyrics In Hindi

ॐ जय बावा लाल गुरु, स्वामी जय श्री लाल गुरु।
शरण पड़े जो आकर, दुःख जंजाल हरो।।  
ॐ जय बावा लाल गुरु ।।

सतयुग हंस राम श्री त्रेता द्वापर कृष्ण भये।
कलियुग पतित उधारण, लाल दयाल भये।
ॐ जय बावा लाल गुरु।।

सतगुरु लाल हैं जिन के पुर्ण भाग किए।
गृहस्थी हो या वैरागी, वें सब मुक्त भए ।
ॐ जय बावा लाल गुरु ।।

हरि गुरु में नही भेदा, इन में जो भेद करे।
वह नर पापी समझो ,जग में नही उधरे। 
ॐ जय बावा लाल गुरु ।।

हम सेवक तुम सतगुरु और न शरण कोई। 
संशय सभी मिटाओ, मन में है जोई । 
ॐ जय बावा लाल गुरु ।।

सब सेवक तुम शरणी, पूर्ण आस करो । 
अन्तर्यामी सतगुरू सब के पाप हरो । 
ॐ जय बावा लाल गुरु ।।

मोह अज्ञान मिटा कर ,पावन बुद्धि करो।
निर्मल भक्ति देकर , हृदय शुद्ध करो । 

ॐ जय बावा लाल गुरु ।।
तुम्हारी आरती क्या कोई गावे, किस में है शक्ति।
विषय विकार मिटा कर, दियो चरणन भक्ति।
ॐ जय बावा लाल गुरु।।

हरि गुरु लाल जी की आरती निश दिन जो गावे।
कहत 'हरि हर' सेवक हरि भक्ति पावे।
ॐ जय बावा लाल गुरु ।।

श्री बावा लाल जी की अरदास 

ॐ श्री जाको जाकी शरण है तिह पर तिह की लाज।
अन्तर्यामी रूप धर सकल सुवारो काज।
लाल इष्ट सहायक जीवका यज्ञ प्रेम भक्ति के भाय।
देश विदेश संकट में, श्री हरिगुरु करत सहाय।
श्री लाल हम निर्बल बल न चले अपबल लियो जाय।
हरिगुरु तुमरी शरण बिन , और शरण नही काय।
शरण गहे निर्जीव की,सब अंग होत दयाल।
तुम जगत प्रकाशक जगद्गुरू तेज़ पुंज प्रकाश।
तिन्ह पर बलबल जाइये, निमंण पलक अरु शवास।
बावन साखी मंगला चार, हरिगुरु करो जीव की सहाय।
श्री लाल दयाल अलाय बलाय गुरु गोविंद रक्षपालम।

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