श्री गणेश स्तुति मंत्र गणनायकाय गणदेवताय गणाध्यक्षाय धीमहि
गणनायकाय गणदेवताय गणाध्यक्षाय धीमहि
गुणशरीराय गुणमण्डिताय गुणेशानाय धीमहि
गुणातीताय गुणाधीशाय गुणप्रविष्टाय धीमहि
एकदंताय वक्रतुण्डाय गौरीतनयाय धीमहि
गजेशानाय भालचन्द्राय श्रीगणेशाय धीमहि
एकदंताय वक्रतुण्डाय गौरीतनयाय धीमहि
गजेशानाय भालचन्द्राय श्रीगणेशाय धीमहि
गानचतुराय गानप्राणाय गानान्तरात्मने
गानोत्सुकाय गानमत्ताय गानोत्सुकमनसे
गुरुपूजिताय गुरुदेवताय गुरुकुलस्थायिने
गुरुविक्रमाय गुह्यप्रवराय गुरवे गुणगुरवे
गुरुदैत्यगलच्छेत्रे गुरुधर्मसदाराध्याय
गुरुपुत्रपरित्रात्रे गुरुपाखण्डखण्डकाय
गीतसाराय गीततत्त्वाय गीतगोत्राय धीमहि
गूढगुल्फाय गन्धमत्ताय गोजयप्रदाय धीमहि
गुणातीताय गुणाधीशाय गुणप्रविष्टाय धीमहि
एकदंताय वक्रतुण्डाय गौरीतनयाय धीमहि
गजेशानाय भालचन्द्राय श्रीगणेशाय धीमहि
एकदंताय वक्रतुण्डाय गौरीतनयाय धीमहि
गजेशानाय भालचन्द्राय श्रीगणेशाय धीमहि
ग्रन्थगीताय ग्रन्थगेयाय ग्रन्थान्तरात्मने
गीतलीनाय गीताश्रयाय गीतवाद्यपटवे
गेयचरिताय गायकवराय गन्धर्वप्रियकृते
गायकाधीनविग्रहाय गंगाजलप्रणयवते
गौरीस्तनन्धयाय गौरीहृदयनन्दनाय
गौरभानुसुताय गौरीगणेश्वराय
गौरीप्रणयाय गौरीप्रवणाय गौरभावाय धीमहि
गोसहस्राय गोवर्धनाय गोपगोपाय धीमहि
गुणातीताय गुणाधीशाय गुणप्रविष्टाय धीमहि
एकदंताय वक्रतुण्डाय गौरीतनयाय धीमहि
गजेशानाय भालचन्द्राय श्रीगणेशाय धीमहि
एकदंताय वक्रतुण्डाय गौरीतनयाय धीमहि
गजेशानाय भालचन्द्राय श्रीगणेशाय धीमहि
श्री गणेश जी का गायत्री मंत्र
एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
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