वन्दे मातरम् राष्ट्रीय गीत के लिरिक्स हिन्दी में
भारत के राष्ट्रीय गीत वन्दे उनकी रचना बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय जी ने की थी। जन गण मन भारत का राष्ट्रीय गान है और वन्दे मातरम् भारत का राष्ट्रीय गीत है। वन्दे मातरम् को सबसे पहले रवींद्रनाथ टैगोर ने गाया था।बंकिमचंद्र चटर्जी द्वारा रचित वन्दे मातरम् में कुल 5 पद हैं। इसे उन्होंने संस्कृत बांग्ला मिश्रित भाषा में लिखा है।
VANDE MATARAM LYRICS
वन्दे मातरम्
सुजलां सुफलां मलयजशीतलाम्
शस्यशामलां मातरम्।
शुभ्रज्योत्स्नापुलकितयामिनीं
फुल्लकुसुमितद्रुमदलशोभिनीं
सुहासिनीं सुमधुर भाषिणीं
सुखदां वरदां मातरम् ॥१॥
वन्दे मातरम्।
कोटि-कोटि-कण्ठ-कल-कल-निनाद-कराले
कोटि-कोटि-भुजैर्धृत-खरकरवाले,
अबला केन मा एत बले।
बहुबलधारिणीं नमामि तारिणीं
रिपुदलवारिणीं मातरम् ॥२॥
वन्दे मातरम्।
तुमि विद्या, तुमि धर्म तुमि हृदि,
तुमि मर्म त्वं हि प्राणा:
शरीरे बाहुते तुमि मा शक्ति,
हृदये तुमि मा भक्ति,
तोमारई प्रतिमा गडि मन्दिरे-मन्दिरे मातरम् ॥३॥
वन्दे मातरम्।
त्वं हि दुर्गा दशप्रहरणधारिणी
कमला कमलदलविहारिणी वाणी विद्यादायिनी,
नमामि त्वाम् नमामि कमलां
अमलां अतुलां सुजलां सुफलां मातरम् ॥४॥
वन्दे मातरम।
श्यामलां सरलां सुस्मितां
भूषितां धरणीं भरणीं मातरम् ॥५॥
- बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय
झांसी की रानी कविता लिरिक्स इन हिन्दी
Message to Author